कोरोना का टीका निर्माण कर रहे तीन आस्थापनों का प्रधानमंत्री ने किया दौरा – टीके की प्रगति का लिया जायज़ा

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार के दिन देश में कोरोना का टीका तैयार करने में जुटी तीन आस्थापनों का दौरा किया और कोरोना का टीका तैयार करने में हुई प्रगति का जायजा भी लिया। इन तीनों आस्थापनों ने विकसित किए गए कोरोना के टीकों का परीक्षण अंतिम चरण में है। अगले वर्ष के शुरू में या मार्च तक कोरोना का टीका उपलब्ध हो सकता है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। टीका उपलब्ध होने पर इसका वितरण और अन्य ज़रूरी व्यवस्थाओं की संबंधित सरकार ने योजना बनाई है और इससे संबंधित गतिविधियां तेज़ की गई हैं। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री ने इन आस्थापनों का किया दौरा अहम घटना बनती है। साथ ही कोरोना के टीके के परिवहन और भंड़ारण के लिए लक्जमबर्ग की कंपनी से भारत समझौता कर सकता हैं, ऐसा समाचार भी प्राप्त हुआ है।

corona-vaccineअहमदाबाद में स्थित ज़ायडस कैडिला, हैद्राबाद की भारत बायोटेक और पुणे की सिरम इन्स्टिट्युट ऑफ इंडिया इन तीन आस्थापनों का प्रधानमंत्री मोदी ने आज दौरा किया। इन आस्थापनों में विकसित हो रहे टीकों की प्रक्रिया और इससे संबंधित प्रगति का जायज़ा भी प्रधानमंत्री ने लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के वैज्ञानिकों से बातचीत करके उनका हौसला बढ़ाया।

अहमदाबाद के ज़ायडस कैडिला के प्रकल्प और लैब का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस कंपनी के कार्य की सराहना की। ज़ायडस बायोटेक पार्क पहुँचने पर प्रधानमंत्री ज़ायडस विकसित कर रहे ‘डीएनए’ पर आधारित भारतीय टीके की जानकारी प्राप्त होने का बयान किया है। साथ ही भारत सरकार इस आस्थापन को पूरा सहयोग प्रदान करी है, यह बात प्रधानमंत्री ने रेखांकित की। ज़ायडस कैडिला ‘ज़ायकोव-डी’ नाम से टीका विकसित करने में जुटी है। इस टीके के पहले दो चरणों का मानवी परीक्षण पूरा हो चुका है। साथ ही दिसंबर में ‘ज़ायकोव-डी’ के तीसरे चरण के मानवी परीक्षण की शुरूआत हो रही है।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने हैद्राबाद की जिनोम वैली में भारत बायोटेक के आस्थापन का दौरा किया। भारत बायोटेक ने ‘कोवैक्सिन’ नाम से कोरोना का टीका तैयार किया है। इस टीके के तीसरे चरण का परीक्षण देश के अलग अलग शहरों में जारी है। साथ ही इसका अच्छा असर देखा जा रहा है, यह दावे भी हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘कोवैक्सिन’ की प्रगति की जानकारी प्राप्त करके वहां के वैज्ञानिकों का अभिनंदन किया। ‘इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आयसीएमआर) के साथ भारत बायोटेक की एक टीम इस टीके का काम तेज़ गति से पूरा करने के काम में जुटी होने की जानकारी प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा करके रेखांकित की।

सबसे आखिर में प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की सिरम इन्स्टिट्युट का दौरा किया। ‘सिरम इन्स्टिट्युट ने ब्रिटीश-स्वीड़ीश कंपनी ‘ऐस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफर्ड’ के साथ यह टिका तैयार किया है और इस टीके के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा हो चुका है। लेकिन, तीसरे चरण के परीक्षण में कुछ कमी रहने से यह परीक्षण दुबारा करने का निर्णय कंपनी ने किया है। प्रधानमंत्री ने इस विषय पर ‘सिरम’ के प्रमुख समवेत अन्य वैज्ञानिकों से बातचीत की। वहां पर उपलब्ध बड़ी मात्रा में टीके का निर्माण और भंड़ारण करने की तैयारी का प्रधानमंत्री ने जायज़ा लिया।

इसी बीच कोरोना का टीका प्राप्त होने के बाद इसका वितरण करते समय परिवहन ठीक से हो इसके लिए आवश्‍यक तापमान नियंत्रित रहे, इसके लिए भारत सरकार लक्ज़मबर्ग स्थित बी.मेडिकल सिस्टम कंपनी के साथ समझौता करने की सोच में होने का समाचार है। इसके लिए इस कंपनी की एक टीम जल्द ही भारत पहुँच रही है और इस टीके के लिए कोल्ड चेन स्थापित करने के साथ फ्रिज, ठंड़े बक्सों की आपूर्ति भी यह कंपनी करेगी। इसके लिए यह कंपनी अगले दिनों में भारत में भी आवश्‍यक प्रकल्प स्थापित करने की सोच में होने की जानकारी सामने आ रही है।

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