ईरान में गृहयुद्ध की आशंका बड़ी पाश्चिमात्य दैनिक का दावा

तेहरान: ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन तीव्र हुए हैं और ‘डेथ टू डिक्टेटर’ अर्थात ‘हुकुमशाह का विनाश हो’ ऐसी घोषणा ईरान में प्रदर्शकों में दी जा रही है। तथा कई दिनों पहले ईरान में कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव का विरोध करके कई प्रदर्शकों ने वहां की धार्मिक पाठशाला ऊपर हमले करने की घटनाएं हुई है। इस परिस्थिति पर चिंता व्यक्त करके इरान गृहयुद्ध के दिशा में से कदम उठा रहा है, ऐसा दावा पाश्चिमात्य देशों के एक दैनिक ने किया है।

पिछले कई दिनों से ईरान की राजधानी तेहरान के साथ लगभग १० शहरों में शुरू इन सरकार विरोधी प्रदर्शन के वीडियो फिलहाल सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हो रहे हैं। इन वीडियो में ईरान के रास्तों पर प्रदर्शक सरकार विरोधी जोरदार घोषणा देते दिखाई दे रहे हैं। तथा एक वीडियो में तेहरान के फुटबॉल स्टेडियम से बाहर निकलने वाले फुटबॉल प्रेमी भी ‘हुकुमशाह का विनाश हो’, ‘खामेनी का विनाश हो’, ‘रोहानी का विनाश हो’ ऐसी घोषणाए दे रहे हैं।

गृहयुद्ध, आशंका बड़ी, पाश्चिमात्य दैनिक, दावा, सरकार विरोधी प्रदर्शन,  ईरान, सोशल मीडियातथा अन्य एक वीडियो में ईरान के सरकार ने सार्वजनिक परिवहन करनेवाले कॉन्ट्रैक्टर्स को पैसे ना देने की वजह से उनके अनेक बस एक रेखा में खड़े होकर वाहन चालक भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। तथा ईरान की सरकार भ्रष्ट होकर वह ईरानी जनता को अधिक से अधिक भिकारी बना रहे हैं, ऐसी घोषणा की जा रही है। सरकार विरोध में यह प्रदर्शन इतने पर ही नहीं रुका है, बल्कि प्रदर्शकों ने अब ईरान में कट्टरपंथी संगठनों और संबंधित लोगों पर हमले करने शुरू करने की खबरें भी सामने आ रहे हैं।

२ दिनों पहले राजधानी तेहरान के साथ इस्फान और कराज शहर में कट्टरपंथियों के धार्मिक पाठशाला ऊपर प्रदर्शकों ने हमला करके आग लगाने का प्रयत्न किया। ईरान की सुरक्षा यंत्रणा ने सही समय पर कार्यवाही करके कई लोगों को कब्जे में लिया है। पर ईरान में सरकार विरोधी यह नाराजगी ना होकर यह ईरान के व्यवस्था के विरोध में असंतोष होने का दावा इरान के कलाकार परास्तु फोरोहर ने किया है।

ईरान में व्यवस्था के विरोध में यह असंतोष आने वाले समय में बढ़ते जाएंगे और उसका प्रकोप हुआ तो ईरान में गृहयुद्ध का भड़क सकता है, ऐसा दावा फोरोहर ने एक दैनिक से बोलते हुए किया है। तथा ईरान में गतिविधियों पर बारीकी से नजर होनेवाले पाश्चिमात्य देशों के विश्लेषकों ने भी पानी की कटौती, भारनियमन, बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार के विरोध में शुरू यह प्रदर्शन ईरान में बड़ी उथलपुथल फैला सकते हैं, ऐसा दावा किया है।

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