‘पीओके’ के चुनाव पर भारत ने आपत्ति जताने से पाकिस्तान तिलमिलाया – ‘पीओके’ में गुँज उठे ‘आज़ादी’ के नारे

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्‍मीर (पीओके) में पाकिस्तान सरकार ने किए चुनाव पर भारत ने आपत्ति जताई थी। इस क्षेत्र पर पाकिस्तान ने अवैध कब्ज़ा किया है और वहां पर चुनाव कराने के नाटक करके पाकिस्तान अपने अवैध कब्ज़े को छिपाने की कोशिश कर रहा है, ऐसी तिखी आलोचना भारत के विदेश मंत्रालय ने की थी। इस पर पाकिस्तान ने भारत के राजदूत को समन्स थमाने का वृत्त है। लेकिन, ‘पीओके’ का यह चुनाव पाकिस्तान के अन्य राजनीतिक दलों को ही मंजूर नहीं है। इसी बीच ‘पीओके’ की जनता भी ‘आज़ादी’ के नारे लगाकर भारत से यह गुहार लगा रही है कि, हमें मुक्त कराएं। इसके लिए प्रधानमंत्री इम्रान खान ज़िम्मेदार होने के आरोप विपक्षी नेता मरियम नवाज़ ने लगाये हैं।

‘पीओके’ के चुनाव‘पीओके’ में २५ जुलाई के दिन किए गए चुनाव में प्रधानमंत्री इम्रान खान की ‘तेहरिक ए इन्साफ’ पार्टी को बहुमत प्राप्त हुआ। लेकिन, पाकिस्तान की सरकार और सेना ने मिलकर इस चुनाव में धांदली की है, यह आरोप भी होने लगे हैं। इससे पहले ‘पीओके’ की सत्ता की ड़ोर संभालनेवाली ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़’ (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज़ ने इस चुनाव का नतीज़ा स्वीकारने से इन्कार किया। ‘पीएमएल-एन’ के कार्यकर्ताओं के साथ ‘पीओके’ की जनता ने भी इस चुनाव के खिलाफ सड़कों पर उतर कर निषेध किया है। इस वजह से ‘पीओके’ में ‘आज़ादी’ यानी स्वतंत्रता के नारे गूँजने लगे हैं। इसके साथ ही ‘कश्‍मीर बनेगा हिंदुस्थान’ के नारे भी यहां के प्रदर्शनकारी लगा रहे हैं। पाकिस्तानी सैनिकों के सामने ही यह नारे लगाए जा रहे थे, यह बात सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित होती है। ‘पीएमएल-एन’ के एक उम्मीदवार ने तो हम भारत से न्याय की माँग करेंगे, यह ऐलान करके पाकिस्तान में सनसनी मचाई थी।

इस पृष्ठभूमि पर गुरूवार के दिन भारत के विदेश मंत्रालय ने ‘पीओके’ के चुनाव पर जोरदार आलोचना की। भारत के क्षेत्र में ऐसे कथित चुनाव कराने का अधिकार ही पाकिस्तान को नहीं है। ऐसी स्थिति में, इस क्षेत्र पर अपना अवैध कब्ज़ा छुपाने के लिए पाकिस्तान ने इस चुनाव का नाटक किया। भारत इसका सख्त शब्दों में निषेध दर्ज़ कर रहा है। पाकिस्तान भारत के इस क्षेत्र पर किया गया अवैध कब्ज़ा छोड़ दे, ऐसा बयान भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने किया था। ‘पीओके’ में किए गए इन चुनावों की पाकिस्तान में ही बड़ी आलोचना हो रही है और ऐसे में भारत की प्रतिक्रिया से पाकिस्तान को बड़ी मीर्च लगती दिख रही है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार के दिन भारत के राजदूत को समन्स भेजकर इस मामले में सवाल किया। भारत ने ‘पीओके’ को लेकर किए दावों से पाकिस्तान इन्कार करता है, यह बात भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कही है। तभी तो प्रमुख विपक्षी नेता मरियन नवाज़ भारत की ही भाषा बोलकर ‘पीओके’ के चुनाव में धांदली होने का आरोप लगा रही है, यह आरोप पाकिस्तान की सरकार ने लगाया है। साथ ही बांगलादेश का निर्माण करनेवाले शेख मुजिबूर रेहमान के पदचिन्हों पर ही मरियम नवाज़ आगे बढ़ रही है, ऐसी आलोचना इम्रान खान की सरकार के समर्थक कर रहे हैं।

पाकिस्तान ने ‘पीओके’ में अब तक किए चुनाव यानी नाटक था, यही बात इस अवसर के साथ फिर से सामने आयी है। पाकिस्तान में सरकार बनानेवाली पार्टी को ही ‘पीओके’ के चुनाव में बहुमत प्राप्त होता है, यह महज संजोग नहीं है बल्कि, यह करवाया जाता हैं। इस वजह से ‘पीओके’ के चुनाव केवल एक ‘ड्रामा’ ही होता है, इस बात को कबूलने के लिए पाकिस्तान के पत्रकार बेबस हैं। इसके साथ ही ‘पीओके’ के चुनाव का आयोजन करने पर कुछ लोगों ने पाकिस्तानी सेना के प्रति आभार व्यक्त किया, इस पर ध्यान आकर्षित करके कुछ तटस्थ पत्रकारों ने यह सवाल किया कि, क्या चुनाव कराना सेना का काम है? ‘पीओके’ ही नहीं, बल्कि बीते ७० वर्षों में पाकिस्तान में हुए चुनाव भी निष्पक्ष नहीं थे, हरएक चुनाव में धांदली हुई है, ऐसी आलोचना भी इस अवसर पर हो रही है।

इस वजह से प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार बड़ी मुश्‍किल में घिर गई है। ‘पीओके’ में ‘आज़ादी’ यानी स्वतंत्रता के नारे गूँजने से पाकिस्तानी सेना के कान भी खड़े हुए हैं। ‘पीओके’ के इस असंतोष का लाभ उठाकर भारत ‘पीओके’ पर कब्ज़ा करने के लिए जल्द ही हमला करेगा, ऐसा ड़र पाकिस्तान में मौजूद भारत द्वेषी चरमपंथी विश्‍लेषक ने व्यक्त किया है। इससे पहले पाकिस्तान की सेना ही भारत पर हमला करे, यह माँग भी इस विश्‍लेषक ने रखी है।

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