मुद्राकोष की सहायता, पाकिस्तान चीन का कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल न करें – अमरिका के विदेश मंत्री की चेतावनी

वॉशिंग्टन: पाकिस्तान के चुनाव में विजय प्राप्त करके इम्रान खान सरकार स्थापित करने वाले हैं, यह लगभग निश्चित हुआ है। पर सरकार स्थापना के बाद उनके पास पाकिस्तानी डुंबत वित्तव्यवस्था संभालने के लिए अधिक अवधि नहीं है। कुछ दिनों में इम्रान खान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के सामने कर्ज के लिए याचना करनी होगी, ऐसी चेतावनी वित्ततज्ञ दे रहे हैं। पर मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को बेलआउट दिया तो उसका उपयोग चीन का कर्ज चुकाने के लिए नहीं किया जा सकता, ऐसी चेतावनी अमरिका के विदेश मंत्री माइक पौम्पिओ ने दी है।

मुद्राकोष, सहायता, पाकिस्तान, चीन का कर्ज, चुकाने, इस्तेमाल न करें, माइक पौम्पिओ, चेतावनी, अमरिकाआवश्यक चिजों की आयात करने के लिए केवल २ महीने पर्याप्त निधि पाकिस्तान की तिजोरी में बाकी है। कर्ज के दबाव में डूबे हुए पाकिस्तान के सामने यह बहुत बड़ा संकट है। नई सरकार की शपथ विधि संपन्न हुई तो तत्काल इस सरकार को मुद्राकोष के नए बेलआउट के लिए याचना करनी होगी। मुद्राकोष से पाकिस्तान को मिलने वाले १३वें बेलआउट पैकेज होगा। इस बारे में पाकिस्तान ने अधिकृत स्तर पर मांग नहीं की है। फिर भी मुद्राकोष ने इसके लिए तैयारी शुरू की है। यह कर्ज देते हुए मुद्राकोष आर्थिक संकट से घिरे हुए पाकिस्तान के सामने कठोर शर्त जरूर रखेंगे, ऐसा स्वयं पाकिस्तान के ही विश्लेषक ज़ोर देकर कह रहे हैं।

इससे पहले ही वर्ल्ड बैंक और चीन से लिए अरबों डॉलर के कर्ज के बोझ में पाकिस्तान थक गया है। इस कर्ज के किश्त चुकाने के लिए इम्रान खान सरकार को मुद्राकोष से बेलआउट लेना पड़ सकता है। चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रकल्प के लिए चीन ने पाकिस्तान को बढ़ते ब्याज दर से कर्ज दिया था। चीन ने पाकिस्तान में अब तक ६२ अरब डॉलर का निवेश किया है। पर पिछले ३ वर्षों में सीपीईसी का आधा प्रकल्प भी पूर्ण नहीं हुआ है। इसकी वजह से पाकिस्तान चीन के इस कर्ज के चंगुल में फंसता जा रहा है, ऐसा दावा अमरिका की भूतपूर्व अधिकारी ने किया है।

चीन का कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान को मुद्रा कोष से बेलआउट लेना ही होगा, ऐसा दावा अमरिका के भूतपूर्व अधिकारी कर रहे हैं। पर आयएमएफ से पाकिस्तान के लिए मंजूर होने वाले बेलआउट पैकेज पर अमरिका की कड़ी नजर होगी, ऐसी चेतावनी अमरिका के विदेश मंत्री ने दी है।

इस पृष्ठभूमि पर मुद्रा कोष से बेल आउट मिलने के बाद पाकिस्तानी उसका उपयोग चीन का कर्ज चुकाने की लिए नहीं करे, ऐसी चेतावनी विदेश मंत्री पौम्पिओ ने दी है। अमरीका इसपर क्या भूमिका लेगी यह विदेश मंत्री स्पष्ट नहीं किया है।

दौरान आतंकवाद विरोधी युद्ध में अपनी जिम्मेदारी पूर्ण करने में असफल हुए पाकिस्तान को मुद्राकोष से बेलआउट पैकेज नहीं दिया जाए, ऐसी मांग अमरिकी विश्लेषकों से की जा रही है।

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