जनता को धार्मिक स्वतंत्रता देने से इन्कार करनेवाले चीन पर अमरिका द्वारा आलोचना

वॉशिंग्टन: धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर चीन की सत्ताधारी राजवट की तरफ से कार्यान्वित की जानेवाली नीति गलत है और इस बारे में अमरिका के लिए चीन यह चिंता का विषय है, ऐसी आलोचना अमरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने की है। चीन के साथ हुई चर्चा में भी अमरिका ने इस मुद्दे को उपस्थित किया था, ऐसा दावा पॉम्पिओ ने किया है। कुछ दिनों पहले ‘एएफपी’ इस अंतर्राष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट राजवट इस्लाम धर्म खत्म करने की तैयारी में होने का आरोप स्थानीय हुई वंशीय लोगों की तरफ से हो रहा है, ऐसी खबर प्रसिद्ध की थी।

जनता, धार्मिक स्वतंत्रता, इन्कार, चीन, आलोचना, अमरिका, राजवटअमरिका के ‘वाईस ऑफ़ अमरिका’ इस न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार में पॉम्पिओ ने विदेश नीति के कुछ मुद्दों पर अपनी भूमिका स्पष्ट की है। साक्षात्कार लेनेवालों ने चीन में ‘तिबेटी बुद्ध धर्मी’ और ‘उघूर इस्लामी’ धर्मियों पर होने वाले अत्त्याचार के मुद्दे को उपस्थित करके अमरिका के विदेश विभाग की इस बारे में क्या नीति है? ऐसा सवाल किया। उस पर उत्तर देते समय पॉम्पिओ ने चीन की सत्ताधारी राजवट की धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में नीति पूरी तरह से गलत है, ऐसा गंभीर आरोप किया था।

‘अमरिका के लिए धार्मिक स्वतंत्रता यह मुद्दा हर एक के मुलभुत मानवाधिकार का हिस्सा है और प्रत्येक देश के साथ होनेवाली चर्चा में हम इस मुद्दे को आगे रखते हैं’, इन शब्दों में चीन सरकार के सामने भी अमरिका ने अपनी भूमिका स्पष्ट करने का दावा पॉम्पिओ ने किया है। उसी समय चीन की तरफ से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का इस्तेमाल धार्मिक स्वतंत्रता दमन करने के लिए करने की नीति गलत है, ऐसा उन्होंने कहा। ‘किसी भी देश ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का इस्तेमाल धार्मिक स्वतंत्रता का दमन करने के लिए नहीं करना चाहिए। सरकार किसी भी नागरिक को धर्म के प्रति श्रद्धा और उसके साथ जुडी चीजों पर दंड न करे’, इन शब्दों में पॉम्पिओ ने चीन की सत्ताधारी राजवट को फटकार लगाई है।

जनता, धार्मिक स्वतंत्रता, इन्कार, चीन, आलोचना, अमरिका, राजवटचीन की आबादी में २ करोड़ १० लाख से भी अधिक जनता इस्लामधर्मी है। उसमें ‘उघूर वंशी’ और ‘हुई’ का प्रमाण अधिक है और पिछले कुछ वर्षों में इन दोनों वंशों के नागरिकों को चीन की सरकार की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है। चीन की सत्ताधारी राजवट ने देश के इस्लामधर्मियों को रमजान पालने की और दाढ़ी बढाने की अनुमति भी नहीं दी है। उसीके साथ ही ध्वनि प्रदुषण को टालने की वजह बताकर मस्जिदों में लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने से मना कर दिया है। धर्म शिक्षा देनेवाली संस्थाओं में छात्रों की संख्या भी मर्यादित रखी गई है।

पिछले दशकभर में झिन्जिआन्ग प्रान्त में हुए हमलों के लिए उघूर वंशियों को जिम्मेदार ठहरकर उनके खिलाफ आक्रामक सुरक्षा मुहीम लागू की गई है। हजारों इस्लामधर्मियों को सरकारी नीति के अंतर्गत अलग अलग कार्यों के लिए और शिक्षा के लिए भेजने का बहाना करके शिबिर में बंद करने की जानकारी भी सामने आई है। इससे पहले तिब्बत के बौद्ध धर्मियों के धर्मगुरु दलाई लामा को राष्ट्रद्रोही ठहराकर तड़ीपार करनेवाले चीनी राजवट ने तिब्बत की पहचान बदलने की कोशिशों को तेज किया था।

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