‘अमरीका पाकिस्तान के आतंकवादियों पर खुद कार्रवाई करने से हिचकिचायेगी नहीं’ : अमरीका की चेतावनी

वॉशिंग्टन, दि. २३ (पीटीआय) – पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई करें, ऐसी माँग अमरीका पिछले कुछ दिनो से कर रही है| अमरीका की यह माँग तेज़ हो रही है, ऐसा दिखाई दे रहा है| ‘अगर पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं करता, तो अमरीका खुद यह कार्रवाई करने से हिचकिचायेगी नहीं’, ऐसी कड़ी चेतावनी अमरिका के ‘काउंटरींग द फायनॅन्सिंग ऑफ टेररिझम’ विभाग के उपमंत्री ‘ऍडम झुबिन’ ने दी है| उसी समय, पाकिस्तान की कुख्यात खुफ़िया एजन्सी ‘आयएसआय’ आतंकवादियों को अभी भी सहायता कर रही है, यह काफ़ी बड़ी समस्या है, ऐसा भी झुबिन ने कहा|

आतंकवादियोंपाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई करें, ऐसी माँग अमरीका के विदेशमंत्रालय की ओर से की जा रही है| तभी ‘ऍडम झुबिन’ की ओर से आयी यह चेतावनी अहम मानी जा रही है| गिनेचुने शब्दों में झुबिन ने, ‘अमरीका पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों पर कार्रवाई कर सकती है’ ऐसी चेतावनी दी है| अमरीका आतंकवादियों पर कारवाई करने के लिए पाकिस्तान की हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है| पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ़ मुहिम रची जा रही है| लेकिन पाकिस्तान सरकार की कुछ ताकतें और ख़ास तौर पर ‘आयएसआय’ आतंकवादियों की रक्षा कर रहे हैं| यह काफ़ी बड़ी समस्या है| इस वजह से अमरीका, आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए उत्सुक पाकिस्तानी ताकतों के पीछे खड़ी रहने के लिए वचनबद्ध है| लेकिन अगर ज़रूरत पड़ती है, तो अमरीका अकेले ही आतंकवादियों पर कार्रवाई करने में हिचकिचायेगी नहीं, ऐसी कड़ी चेतावनी झुबिन ने दी है|

पाकिस्तान ने कुछ आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की, यह बात झुबिन मानते हैं| लेकिन हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों पर कार्रवाई करने में पाकिस्तान उत्सुक नहीं है| लेकिन कुछ आतंकी संगठनों के प्रति हमदर्दी की भूमिका अपनानेवाला पाकिस्तान, खुद ही आतंकवादियों का शिकार हुआ है| इस वजह से, आतंकवादियों पर कार्रवाई करना पाकिस्तान के हित में होगा, ऐसा झुबिन ने कहा|

अफगाणिस्तान मुहिम के अमरीका के कमांडर जनरल जॉन निकोल्सन ने, हक्कानी गुट के आतंकवादियों पर पाकिस्तान ज़रूरी दबाव नहीं बढा रहा है, ऐसी आलोचना की थी| इसके बाद अमरीका द्वारा पाकिस्तान की की जानेवाली आलोचना और बढ़ी थी|

अमरीका के संसद सदस्य और लष्करी अधिकारी, पाकिस्तान ने अमरीका का विश्‍वासघात किया है, ऐसा खुलेआम बोल रहे हैं|  कुछ हफ़्ते पहले अमरिकी संसद की एक उपसमिति के सामने, ‘पाकिस्तान दोस्त या दुश्मन’ इस विषय पर सुनवाई हुई थी| इस समय बात करते हुए लष्करी अधिकारियों तथा लोकप्रतिनिधियों ने भी, ‘पाकिस्तान अमरीका का दोस्त नहीं है’ ऐसा कहा था|

पाकिस्तान को अमरीका से, आतंकवादविरोधी जंग के लिए दी जानेवाली सहायता रोकी गई है| साथ ही, पाकिस्तान को एफ-१६ लडाकू विमान  की सप्लाई करने को भी अमरीका ने मना किया था| अमरीका की इस आक्रामक भूमिका से अलग ही संकेत मिल रहे हैं, ऐसा दावा पाकिस्तान के विश्‍लेषक कर रहे हैं| साथ ही, ‘अमरीका ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करते हुए, भारत को हमसे चर्चा करने के लिए मजबूर करना चाहिए’ यह पाकिस्तान की माँग अमरीका ने नकारी थी| इसपर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देते हुए, अमरीका पर दबाव बढाने की कोशिश की है| कुछ दिन पहले अमरीका के दौरे पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष दूत ‘मुशाहिद हुसेन’ ने कहा कि अगर अमरीका सहायता नहीं देती है, तो पाकिस्तान रशिया और चीन की मदत लेगा| साथ ही, अमरीका डूबता हुआ सूरज है, ऐसा दावा हुसेन ने किया था| इसी के साथ, यदि अमरीका को अफगाणिस्तान में शांति चाहिए, तो पहले कश्मीर का मसला सुलझाना होगा, ऐसा भी हुसन ने कहा था|

मुशादिन हुसेन के ये दावे यानी अमरीका को ब्लॅकमेल करने की कोशिश है, ऐसा इल्ज़ाम अमरीका के विश्‍लेषको ने लगाया था|

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