इस साल के अंत तक कच्चे तेल के दाम १०० डॉलर्स तक जायेंगे – अमरिकी विश्‍लेषक का दावा

१०० डॉलर्सदुबई – सन २०१४ के बाद पहली ही बार अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के दाम ट्रिपल डिजिट तक की ऊँचाई को छू सकते हैं। साल के अंत तक ये दाम प्रति बैरल १०० डॉलर्स तक पहुँचने की संभावना होने का दावा जेपी मॉर्गन इस मशहूर अमरिकी वित्तसंस्था के विश्लेषक ख्रिस्तियन मॅलेक ने किया। पाँच दिन पहले अमरीका की एक और वित्तसंस्था ने भी ऐसा ही दावा किया था। वहीं, न्यूयॉर्क तथा अन्य ट्रेडिंग हब्ज़ में सट्टेबाजों ने इस क़ीमत पर कॉन्ट्रैक्ट्स की खरीद करना शुरू किया होने की बात सामने आ रही है।

जून २००८ में कच्चे तेल के दाम इतिहास के सर्वोच्च स्तर पर यानी १७२ डॉलर्स प्रति बैरल पर गए थे। उसके बाद सन २००९ के जनवरी से अगस्त महीने तक यही दाम ५० से ८७ डॉलर्स तक रखने में सफलता मिली थी। लेकिन अगले कुछ महीनों में कच्चे तेल के दाम ने पुनः १०० डॉलर्स का आँकड़ा पार किया। अप्रैल २०१० से अगस्त २०१४ तक अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के दाम १०० डॉलर्स से ऊपर थे।

लेकिन उसके बाद सऊदी अरब के नेतृत्व में ईंधन उत्पादक देशों के ओपेक संगठन ने मार्केट में कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाने के कारण पिछले छः साल ये दाम बहुत ही कम रहे थे। अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों के बाद, अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की सप्लाई कम होकर दामों पर असर ना हों, इसका अन्य ईंधन उत्पादक देशों ने ख्याल रखा था। वहीं, पिछले साल अमरीका के उद्योग क्षेत्र पर बनीं नियामक मुश्किलें, ओपेक सदस्य देशों का कच्चे तेल की सप्लाई पर नियंत्रण और कोरोना की पृष्ठभूमि पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर घटी हुई माँग, इन कारणों से भी कच्चे तेल के दाम नियंत्रित थे।

१०० डॉलर्सलेकिन इस साल के अंत तक कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल १०० डॉलर्स पर जायेंगे, ऐसा मॅलेक ने कहा है। ‘ साल के दूसरे सत्र में अगर अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की माँग बढ़ी और कोरोना की चौथी लहर टली, तो सन २०२१ के अंत तक कच्चे तेल के दाम १०० डॉलर्स प्रतिबॅरल तक पहुँच जायेंगे’, ऐसा दावा मॅलेक ने खाड़ी क्षेत्र के अखबार को दिए इंटरव्यू में किया। इसके लिए अमरीका, चीन और युरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था पहले जैसी होना और कच्चे तेल की माँग प्रतिदिन १० करोड़ बैरल तक पहुँचना आवश्यक है, ऐसा मॅलेक ने कहा।

पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इंधन के दामों की वृद्धि पर चर्चा जारी है। कुछ दिन पहले ‘ बैंक ऑफ अमरीका’ ने भी कच्चे तेल के दाम ट्रिपल डिजिट आँकड़े तक पहुँच जायेंगे, ऐसा कहा था। वहीं, अन्तर्राष्ट्रीय निवेशक भी कच्चे तेल के दाम १०० डॉलर्स पर पहुंचेंगे, ऐसे संकेत दे रहे हैं। न्यूयॉर्क और अन्य ट्रेडिंग हब्ज़ में इस कीमत पर सट्टेबाजों ने कॉन्ट्रैक्ट की खरीद शुरू भी की है, ऐसा कहा जाता है।

इसी बीच, पिछले तीन दिनों से अन्तरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के दाम ७० डॉलर्स प्रति बैरल पर हैं। इसमें अगर और ३० डॉलर्स की वृद्धि होकर ये दाम १०० डॉलर्स तक पहुँचे, तो कोरोना के प्रभाव से बाहर निकलने के लिए जानतोड़ कोशिशें कर रहे देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नया झटका लग सकता है। ईंधन की आयात करनेवाले देशों पर इसका विपरीत असर हो सकता है। 

 

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