जनतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों को कुचलने के लिए म्यांमार की सेना ने ४५० लोगों को मार गिराया

democracy-protest-myanmarनेप्यितौ/यांगून – म्यांमार में जनतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों के खिलाफ जारी सेना की कार्रवाई में मारे जानेवालों की संख्या बढ़कर ४५० हुई है। इसमें शनिवार और रविवार के दिन म्यांमार की सेना द्वारा क्रूरता से मारे गए करीबन १७० लोगों का समावेश है। इस कार्रवाई के दौरान म्यांमार की सेना ने कुछ गांवों पर हवाई हमले करने की बात कही जा रही है। इन हमलों से लगभग तीन हज़ार नागरिक पड़ोस के थायलैण्ड में पनाह लेने के लिए मज़बूर हुए हैं। इस लष्करी कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है और अमरीका, जापान एवं ब्रिटेन समेत १२ देशों ने संयुक्त निवेदन जारी करके म्यांमार की सेना पर आलोचना की है।

democracy-protest-myanmarम्यांमार में बीते डेढ़ महीने से अधिक समय से सेना की बगावत के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। जबरन हथियाई हुई सत्ता सेना छोड़ दे और जनतांत्रिक सरकार के हाथों में सभी नियंत्रण सौंप दे, इसके लिए व्यापक प्रदर्शन जारी हैं। इन प्रदर्शनों को देश के कोने-कोने से बड़ा समर्थन प्राप्त हुआ है और विद्रोही संगठन और धार्मिक गुट भी इसमें शामिल हुए हैं। प्रदर्शनों को प्राप्त हो रहा बढ़ता समर्थन देखकर म्यांमार की सेना बड़ी बौखलाने की बात सामने आ रही है। प्रदर्शनकारियों के साथ आम जनता में आतंक और ड़र का माहौल निर्माण करने के लिए सेना ने कार्रवाई की तीव्रता अधिक बढ़ाई है।

democracy-protest-myanmarशनिवार के दिन म्यांमार की सेना ने बड़ी कार्रवाई करके ११४ लोगों को मार गिराया और यह बीते डेढ़ महीनों में हुई सबसे बड़ी रक्तरंजित कार्रवाई का दिन है। इसके बाद रविवार के दिन म्यांमार की सेना की कार्रवाई में तकरीबन ३६ से अधिक लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है। ‘म्यांमार नाउ’ नामक वेबसाईट की जानकारी में यह कहा गया है कि, बीते दो दिनों में लगभग १७० लोग मारे गए हैं।

बीते कुछ दशकों से म्यांमार की सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहे वांशिक गुट भी जनतांत्रिक प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। इन गुटों का समर्थन कुचलने के लिए म्यांमार की सेना ने रविवार के दिन पांच गाँवों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में कम से कम तीन लोग मारे गए और कईयों के घायल होने की बात कही जा रही है। कैरेन स्टेट में हुए इन हमलों के बाद democracy-protest-myanmarइन गांवों के तकरीबन ३००० नागरिक थायलैण्ड में पनाह लेने के लिए मज़बूर हुए हैं। यह हमले जारी रहे तो इनकी संख्या १० हज़ार तक पहुँच सकती है, यह दावा स्थानीय गुटों ने किया है।

इसी बीच, म्यांमार की सेना देश की जनता के विरोध में दिखा रही क्रूरता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। अमरीका, जापान और ब्रिटेन समेत १२ देशों के सेनाप्रमुखों ने संयुक्त निवेदन जारी करके म्यांमार की सेना की आलोचना की है। म्यांमार की सेना ने अपनी पत खो दी है, यह आरोप लगाया गया है और हिंसा की राह छोड़ने के लिए आवाहन किया गया है।

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