चिनी सामान के बहिष्कार हेतु ‘कैट’ द्वारा ५०० वस्तुओं की सूचि घोषित

नई दिल्ली – देश के ७ करोड़ छोटे व्यापारी तथा ४० हज़ार छोते-बड़े व्यापारियों के संगठनों का शीर्ष संगठन होनेवाले ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (कैट) ने देश में चिनी वस्तुविरोधी मुहिम की तीव्रता बढ़ाने का फ़ैसला किया है। ‘कैट’ ने पाबंदी लगाना मुमक़िन होनेवालीं ५०० ‘मेड इन चायना’ वस्तुओं की सूचि ही ज़ाहिर की होकर, सन २०२१ तक चीन से होनेवाली आयात को १ लाख करोड़ से कम करने का लक्ष्य रखा है। हम सीमा पर जाकर नहीं लड़ सकते, लेकिन बहिष्कार तो यक़ीनन ही कर सकते हैं, ऐसा संदेश ‘कैट’ ने दिया है।

Chaina-Product-Banलद्दाख में घुसपैंठ करनेवाले और भारतीय सैनिकों पर क़ायर हमला करनेवाले चीन के विरोध में देशभर में ग़ुस्से की लहर उमड़कर आयी है। लद्दाख में चिनी सैनिकों ने घुसपैंठ की होने की ख़बरें आने के बाद पिछले महीने में ‘कैट’ ने चिनी सामान पर बहिष्कार की और ‘मेड इन इंडिया’ सामान के संदर्भ में जागृति करने के लिए मुहिम हाथ में ली थी। यह मुहिम अब अधिक ही तीव्र की जायेगी, ऐसा ‘कैट’ ने घोषित किया। ‘भारतीय वस्तु – हमारा अभिमान’ इस मुहिम के तहत व्यापारियों को चिनी सामान की आयात करने से रोका जानेवाला है। व्यापारी चिनी सामान ना खरीदें और ग्राहकों को भी उसे ना बेचें, इसके लिए यह मुहिम् हाथ में ली गयी है।

फिलहाल भारत चीन में से ५.२५ लाख करोड़ रुपयों का सामान आयात करता है। इनमें से १३ अरब डॉलर्स यानी १ लाख करोड़ रुपये क़ीमत की वस्तुओं की आयात दिसम्बर २०२१ तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए, शुरुआती दौर में किन वस्तुओं का बहिष्कार कर सकते हैं, इसकी सूचि ही ‘कैट’ ने जारी की है। चीन से लगभग ३००० वस्तु भारत में आयात कीं जातीं हैं। इनमें से ५०० वस्तुओं का समावेश इस सूचि में किया गया है। ये वस्तुएँ भारत में बनायीं जा सकतीं हैं अथवा बनायीं जातीं हैं। इस वजह से, हालाँकि बहिष्कार के कारण कुछ समय तक इन वस्तुओं की कमी महसूस हुई, यो भी देश में ही इन् वस्तुओं का उत्पादन करना मुश्किल नहीं है। उसके लिए किसी विशेष तंत्रज्ञान की आवश्यकता नहीं, ऐसा ‘सीएआयटी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतीया और राष्ट्रीय सरचिटणीस प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है। साथ ही, फिलहाल जिन वस्तुओं में तंत्रज्ञान का अधिक इस्तेमाल किया जाता है, उनकी बहिष्कार में समावेश नहीं किया गया है। जब तक इस प्रकार का तंत्रज्ञान भारत अथवा उसके मित्र देशों में नहीं उपलब्ध होता, तब तक उसके लिए विकल्प नहीं है, ऐसा खंडेलवाल ने स्पष्ट किया।

CAIT‘कैट’ ने, बहिष्कार करना मुमक़िन होनेवाले जिन उत्पादों की सूचि तैयार की है, उनमें खिलौने, कपड़ा, रसोईघर की वस्तुएँ, फर्निचर, हार्डवेअर, जूतें, हँडबॅग्ज, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तु, सौंदर्यप्रसाधन, गिफ़्ट्स, घड़ी, रत्न एवं गहनें, स्टेशनरी, कागज़, घरेलु वस्तु, स्वास्थ्य उत्पाद, गाड़ियों के कल-पुर्ज़ें इनके समेत अन्य वस्तुओं का समावेश है।

लघुउद्योग, उद्योजक और स्टार्टअप्स को सरकारी आधार तथा सहायता मिलें इसलिए वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री पीयूष गोयल के साथ इस मामले में चर्चा की जायेगी, ऐसा ‘कैट’ ने कहा है। साथ ही, चिनी कंपनियों को सरकारी काँट्रॅक्ट ना दें, ऐसा भी आवाहन ‘कैट’ ने किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.