अरुणाचल प्रदेश स्थित छह जगहों का नाम बदलकर चीन ने भारत को उकसाया

बीजिंग, दि. १९ : अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों के नाम बदलकर चीन ने भारत के इस राज्य पर अपना दावा और मज़बूत करने की कोशिश की है| बौद्ध धर्मगुरु और तिबेटी नेता दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर अपनी तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है, इस प्रकार की धमकियाँ चीन द्वारा भारत को दी जा रही थीं। इस पृष्ठभूमि पर, चीन ने इन जगहों के चिनी नामकरण का ऐलान किया है| एक तरफ यह घोषणा की जा रही है, वहीं, दूसरी तरफ़ चीन के विदेशमंत्री भारत को अपने ‘वन बेल्ट वन रोड’ इस महत्त्वाकांक्षी प्रकल्प में शामिल होने की बिनती कर रहे दिखायी दे रहे हैं|

अरुणाचल प्रदेशदलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा भारत रद्द करें इसके लिए चीन ने दबाव बढ़ाने की कोशिश की| लेकिन यह यात्रा निजी रूप की है, भारत सरकार का इसपर नियंत्रण नहीं हो सकता, ऐसा भारत के विदेशमंत्रालय ने कहा था| साथ ही, अरुणाचल प्रदेश यह भारत का अविभाज्य भूभाग है और इस बारे में किसी भी प्रकार का समझौता मुमक़िन नहीं, ऐसा कहकर विदेशमंत्रालय ने चीन को फटकारा था| उसके बाद चीन ने भारत को धमकियाँ और चेतावनी देने का सत्र जारी रखा था| उसके बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों के नये नामों की घोषणा की है| इसपर भारत की तरफ से अधिकृत रूप में प्रतिक्रिया नहीं आयी है|

इन नये नामों का ऐलान करके चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा और मज़बूत करने की फिराक में है| लेकिन इसे ज़्यादा महत्त्व देकर यह मामला और भी विवादास्पद करने में भारत उत्सुक नहीं है, ऐसा नजर आ रहा है| भारतीय मीडिया ने भी चीन के इन कारनामों को विशेष महत्त्व नहीं दिया है, ऐसा दिख रहा है| इसके साथ ही, चीन के सरकारी दैनिक ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने, भारत चीन के साथ व्यापारी युद्ध ना पुकारें, ऐसी धमकी दी है| चिनी बनावट के मोबाईल्स पर ज़्यादा टैक्स लगाने की माँग भारतीय कंपनियों द्वारा की जा रही है| वहीं, ‘भारत सरकार ने यदि ऐसा किया, तो चीन चुप नहीं बैठेगा| चीन की सरकार भी भारत के हितसंबंधों को ठेंस पहुँचानेवाले फैसलें करेगी और इससे व्यापारी युद्ध शुरू हो जायेगा| भारत को यह युद्ध टालना चाहिए’ ऐसी चेतावनी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है|

भारत के साथ होनेवाले वार्षिक व्यापार में से ५० अरब डॉलर्स से भी अधिक फ़ायदा उठानेवाले चीन द्वारा भारत को दी जानेवाली ये चेतावनियाँ हास्यास्पद साबित होती हैं| दोनों देशों के बीच के व्यापार में चीन को भारी मात्रा में लाभ मिल रहा है| भारतीय मार्केट्स का लाभ उठानेवाला चीन, भारतीय कंपनियों को अपना कुछ क्षेत्र उपलब्ध कराके नहीं दे रहा हैं, ऐसा सामने आया है| ऐसी परिस्थिती में, दोनों देशों का व्यापार कम हुआ, तो उसका असर चीन पर ही अधिक मात्रा में होगा| वहीं, चीन द्वारा भारत को धमकियाँ और चेतावनियों के सत्र के चलते, चीन के विदेशमंत्री वँग यी ने भारत को ‘वन बेल्ट वन रोड’ इस महत्त्वाकांक्षी प्रकल्प में शामिल होने का आवाहन किया है|

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