‘इंडो-पैसिफिक’ के लिए जापान अमरिका एवं भारत से सहयोग करेगा – जापान के प्रधानमंत्री ने किया ऐलान

टोकिओ – इंडो पैसिफिक समुद्री क्षेत्र हर एक के लिए खुला और मुक्त रहे इसके लिए जापान अमरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और फ्रान्स से सहयोग करेगा, यह ऐलान जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो इन्होंने किया है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प फिलहाल जापान की यात्रा पर है| उनके साथ बुलाई संयुक्त वार्ता परिषद को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री एबे ने की यह घोषणा नीति के नजरिए से काफी अहम है|

भारत का नैसर्गिक प्रभावक्षेत्र होनेवाले हिंद महासागर और पैसिफिक महासागर तक के क्षेत्र का ‘इंडो पैसिफिक’ यह जिक्र करनेवाले पहले नेता यह एबे शिंजो इनकी पहचान है| इस बार में उनका नजरिया अमरिका ने भी स्वीकारा है और अमरिका ने अपने पैसिफिक कमांड का नाम इंडो पैसिफिक कमांड रखा है| इस वजह से वर्णित समुद्री क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का इस्तेमाल करके वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे चीन को काफी बडा झटका लगता दिखाई दिया था|

फिर भी चीन ने ‘इंडो पैसिफिक’ समुद्री क्षेत्र का हिस्सा होनेवाले साउथ और ईस्ट चाइना सी क्षेत्र पर अपना अधिकार जताया है| इस क्षेत्र के देशों की सीमा में घुसपैठ करके चीन की युद्धपोत और लडाकू विमान गश्त कर रहे है| चीन की इन हरकतों से इस सागरी क्षेत्र की व्यापारी यातायात के लिए खतरा बना है और इससे इस क्षेत्र की यातायात की स्वतंत्रता पर असर हुआ है|

इस स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लेकर अमरिका ने इस क्षेत्र में अपनी नौसेना की गतिविधियों में बढोतरी की है| अमरिकी युद्धपोत लगातार इस समुद्री क्षेत्र में गश्त कर रही है और इससे चीन ने कई बार अमरिका को धमकाया भी है| साथ ही अमरिका की सहायता करनेवाले जापान और अन्य देशों को भी चीन से धमकियां प्राप्त हो रही है| ऐसी स्थिति में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने जापान की यात्रा की है और दोनों देशों में सभी स्तरों पर सहयोग बढाने का निर्णय किया गया है|

राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री एबे शिंजो की संयुक्त वार्ता परिषद में ‘इंडो पैसिफिक’ क्षेत्र के संबंधी बोलते समय एबे ने जापान की भूमिका डटकर रखी| जापान अमरिका के सहयोग से भारत और ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और फ्रान्स के साथ एशियाई देशों से सहयोग करेंगे, ऐसा एबे ने कहा| इस सहयोग की सहायता से इंडो पैसिफिक समुद्री क्षेत्र मुक्त और खुला रखने की कोशिश होगी, ऐसा एबे ने कहा है|

इसके पहले भी जापान ने ऐसी भी भूमिका रखी थी| यह भूमिका अपने विरोध में है और जापान, अमरिका, भारत और ऑस्ट्रेलिया हमारे विरोध में खडे हुए है, यह आरोप चीन ने किया था| साथ ही इस समुद्री क्षेत्र के छोटे देशों का इस्तेमाल हमारे विरोध में किया जा रहा है,यह आरोप भी चीन से रखा जा रहा है| चीन अपने सामर्थ्य का धौस जमाकर इन छोटे देशों को चीन के विरोधी गठबंधन का हिस्सा ना होने की चेतावनी दे रहा है| इस वजह से चीन के विरोध में यह गठबंधन और भी मजबूत हो रहा है|

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