राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के आशिया दौरे की पृष्ठभूमि पर अमरिका के तीन विमानवाहक युद्धनौका आशिया-पैसेफिक क्षेत्र मे तैनात

वॉशिंगटन: अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अगले महीने में १२ दिन के आशियाई दौरे पर दाखिल होने वाले हैं। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनके इस आशियाई दौरे से पहले अमरिका ने अपनी रक्षा सामर्थ्य के प्रदर्शन की तैयारी की है। गुरुवार को अमरिका के अजस्त्र विमानवाहक युद्धनौका यूएसएस ‘निमित्झ’ उसके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ आशिया प्रशांत क्षेत्र में दाखिल होने की जानकारी नौदल के सूत्रों ने दी है।

यूएसएस निमित्झ के प्रवेश के बाद, अमरिका के लगभग तीन अजस्त्र विमान वाहक युद्ध नौका उनके करियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ एक ही समय पर आशिया प्रशांत क्षेत्र में तैनात हुए हैं।

विमानवाहक युद्धनौकाअमरिका के सातवें अरमाडा के तल का भाग होने वाले ‘यूएसएस रीगन’ सितंबर महीने से जापान के यूकोसूका बंदरगाह में तैनात हुए हैं। उसके बाद सोमवार को २३ अक्टूबर को अमरिका के ‘यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट’ यह विमान वाहक युद्धनौका आशिया प्रशांत क्षेत्र में दाखिल हुई है और फिलहाल वह दक्षिण कोरिया के पास होने की बात कही जा रही है। युएसएसनिमित्झ यह विमान वाहक युद्ध नौका गुरुवार को पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र में दाखिल होने की जानकारी अमेरिकी नौदल ने दी है। पर यह विमान वाहक युद्धनौका की तैनाती के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है।

अमरिका का सबसे बड़ा एवं सक्षम और शक्तिमान अरमाडा के तौर पर पहचाने जानेवाले सातवें अरमाडा के क्षेत्र में एक ही समय पर ३परमाणु क्षमता के विमान वाहक युद्धनौका तैनात होना यह अभूतपूर्व घटना मानी जा रही है। कोरियन क्षेत्र की समस्या के पीछे यह कारण होने का दावा किया जा रहा है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अगले महीने आशियाई दौरे पर आ रहे हैं। दौरे के दरमियान, उत्तर पूर्व आशियाई देश के साथ जापान, दक्षिण कोरिया एवं चीन को भी भेंट देने वाले हैं।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्पने लगातार उत्तर कोरिया के विरोध में आक्रामक भूमिका ली है और युद्ध छेड़ने का इशारा दिया है। इस इशारे की पृष्ठभूमि पर ट्रम्प इन के दौरे के दरमियान ३ अजस्त्र विमान वाहक युद्धनौका तैनात करके अमरिका उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने का प्रयत्न करेगा, ऐसा माना जा रहा है। उत्तर कोरिया के साथ साउथ चाइना सी के मुद्दे पर प्राबल्य दिखानेवाले चीन को भी इस तैनाती से योग्य संदेश दिया जाएगा ऐसा विश्लेषकों का दावा है।

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