जापान की जनता को चीन से बढ रहे खतरों एहसास कराएं – जापान की सरकार को अमरिकी तटरक्षक बल के प्रमुख की सलाह

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/टोकिओ: जापान ने अपनी रक्षा निती में बदलाव करना जरूरी है और चीन से होने वाले खतरों की जनता को सही जानकारी देना भी आवश्यक है, यह सूचना अमरिका के वरिष्ठ अफसरों ने की है| दुसरे विश्‍वयुद्ध के बाद मित्रदेशों ने लगाए प्रतिबंधों की वजह से जापान के रक्षा खर्च पर कई मर्यादा थी| इस वजह से पिछले कई दशकों से जापान के रक्षा दलों ने रक्षात्मक भूमिका ही अपनाई थी| पर पिछले कुछ वर्षों में चीन ने ईस्ट चाइना सीएवं नजदिकी क्षेत्र में बढाई आक्रामक गतिविधियों के बाद जापान ने भी उसे जवाब देने की भूमिका अपनाई है|

जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने पिछले कुछ वर्षों में जापान की रक्षा निती में बदलाव करने की गतिविधियां शुरू की है| इसके लिए रक्षा खर्च में भी काफी बढोतरी की गई है| इस वर्ष जापान ने अपना रक्षा खर्च ५० अरब डॉलर्स तक बढाया है और इसके पीछे चीन से बना प्रमुख खतरा ही कारण होने की बात समझी जा रही है| पर, प्रधानमंत्री एबे की इन कोशिशों को कुछ तादाद में विरोध हो रहा है| यह विरोध ठुकराने के लिए एबे की कोशिश शुरू है और अमरिका ने इसे समर्थन दिया है|

अमरिका के तटरक्षक बल के प्रमुख एडमिरल कार्ल शुल्टझ् ने किया वक्तव्य इसीका हिस्सा बनता है| ‘साउथ चाइना सीएवं इस्ट चाइना सीमें चीन की आक्रामक हरकतें दुसरें देशों के लिए खतरा साबित होनेवाली है| इस मुद्दे पर जापान सरकार ने अपनी जनता से सही संवाद करके चीन की आक्रामकता एवं उससे बने खतरे का एहसास कराना होगा, ऐसा शुल्टझ् ने कहा|

चीन जाहीर तौर पर शांति, स्थिरता और सुरक्षा पर बोल रहा है, फिर भी उसकी हरकतें उसी के शब्दों से मेलजोल नही रखती| चीन ने मिसाइलों के साथ अन्य घातक हथियार बडी तादाद में विकसित की है और उसका जापान समेत एशिया के अन्य देशों के लिए खतरा बना है, यह चेतावनी अमरिकी अफसर ने दी| जापान के संविधान के अनुसार आक्रामक हथियारों पर पाबंदी होने से जापान ने ऐसे हथियार निर्माण नही किए है, पर इसके आगे इससे दूर रहना मुमकिन नही रहेगा, इस बात का एहसास एडमिरल कार्ल शुल्टझ् ने कराया है|

साउथ चाइना सीपर अपना सार्वभूम अधिकार होने का दावा चीन कर रहा है| साथ ही चीन ने इस समुद्री क्षेत्र में कृत्रिम द्विपों का निर्माण करके इन द्विपों का लष्करीकरण शुरू किया है| इसके लिए चीन ने फिलिपाईन्स, वियतनाम, ब्रुनेई, मलेशिया और तैवान इन देशों ने साउथ चाइना सीमें जताया हक भी ठुकराया है| साथ ही ईस्ट चाइना सीके द्विपों पर जापान का हो रहा अधिकार भी चीन ने ठुकराया है और इस क्षेत्र की लष्करी गतिविधियां बडी मात्रा में बढाई है|

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