इस्रायल के प्रधानमंत्री की अमरीका और यूरोपिय देशों को चेतावनी – इस्रायल की रणनीति में हो रहे बदलाव को लेकर किया आगाह

जेरूसलम/मास्को/वॉशिंग्टन – इस्रायल की आवाज़ अब पूरे विश्व में सुनी जाएगी। आनेवाले समय में इस्रायल विश्व की सूचनाओं का पालन नहीं करेगा। बजाय इसके इस्रायल अपने हित की रक्षा करेगा, ऐसे स्पष्ट शब्दों में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने अपनी सरकार की भूमिका स्पष्ट की। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने यह ऐलान करने के कुछ घंटे पहले ही नए विदेश मंत्री एली कोहेन ने रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैवरोव से फोन पर बातचीत की। इसके ज़रिये इस्रायल की नई सरकार दबाव बनाने की कोशिश कर रहे अमरीका और यूरोपिय देशों को आगाह कर रहे हैं।

पिछले हफ्ते इस्रायल की बागड़ोर संभालने के बाद बेंजामिन नेत्यान्याहू की सरकार रशिया-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर कौनसा रुख अपनाती है, इस ओर पश्चिमी मित्रदेशों की नज़रे लगी थीं। इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री येर लैपिड ने पिछले दस महीनों से जारी संघर्ष के लिए रशिया की आलोचना करके यूक्रेन के समर्थन में खड़े होते दिखाई दिए थे। साथ ही रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन या विदेश मंत्री सर्जेई लैवरोव से इस्रायल चर्चा नहीं करेगा, यह ऐलान भी लैपिड ने किया था। इसी बीच इस्रायल के पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गांत्ज़ ने यूक्रेन को हवाई सुरक्षा यंत्रणा प्रदान करने का प्रस्ताव दिया था।

इसकी वजह से इस्रायल और रशिया के बीच तनाव निर्माण हुआ था। ऐसी स्थिति में लैपिड के बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री बने बेंजामिन नेत्यान्याहू भी क्या अमरीका और यूरोपिय देशों की रशिया विरोधी भूमिका का समर्थन करेंगे, यह सवाल अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे थे। इस्रायल के नए विदेश मंत्री एली कोहेन ने रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैवरोव से फोन पर चर्चा की। इसके ज़रिये इस्रायल की नई सरकार अपनी नीति स्पष्ट करती हुई दिख रही है।

रशिया-यूक्रेन मुद्दे पर इस्रायल सार्वजनिक तौर पर किसी भी तरह का ऐलान नहीं करेगा, इस मुद्दे पर कम ही बोलेगा, ऐसा इस्रायल के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया। रशियन विदेश मंत्री लैवरोव के साथ चर्चा के बाद इस संघर्ष के मुद्दे पर अलग रणनीति अपनाकर इससे संबंधित अपने सुरक्षा अधिकारियों को सूचना दी जाएगी, ऐसा विदेश मंत्री कोहेन ने कहा है। लेकिन, यूक्रेन को मानवीय सहायता आगे भी प्रदान की जाएगी, ऐसी जानकारी इस्रायली विदेश मंत्री ने साझा की। साथ ही रशिया में यहूदियों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी कोहेन-लैवरोव की चर्चा होने की जानकारी सामने आ रही है।

नेत्यान्याहू सरकार की यह भूमिका इस्रायल को सीरिया में शुरू आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में रशिया की सहायता प्रदान करने वाली साबित होगी, यह दावा इस्रायली विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन, कोहेन-लैवरोव की चर्चा पर अमरीका और यूक्रेन से बयान सामने आया है। ‘रशिया ने यूक्रेन में की हुई घुसपैठ पर कम बोलने की इस्रायल की भूमिका व्यथित करती है’, ऐसी आलोचना अमरिकी कांग्रेस के वरिष्ठ सिनेटर और इस्रायल समर्थक लिंडसे ग्रैहम ने की। इसी बीच इस्रायल इस संघर्ष में उचित भूमिका अपनाए, ऐसी मांग यूक्रेन ने की है।

इस पृष्ठभूमि पर ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्राप्त होने वाली सूचनाओं के सामने झुकने के बजाय इस्रायल अपने हितों की रक्षा करेगा’, ऐसी घोषणा इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने की। इस्रायल की विदेश नीति बदल रही है, ऐसा कहकर नेत्यान्याहू ने अमरीका और यूरोपिय देशों की मांगों के सामने न झुकने की बात ड़टकर कही। इसी बीच इस्रायल के विदेश मंत्री कोहेन जल्द ही रशियन विदेश मंत्री लैवरोव से मुलाकात करेंगे। इस्रायल की भूमिका में हुआ यह बदलाव अमरीका को नाराज़ करता है। इस पर अमरीका का बयान आया है।

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