अज़रबैजान की सीमा पर ईरान का युद्धाभ्यास – टैंक और लष्करी वाहनों की गतिविधियों द्वारा दिया इशारा

azerbaijan-border-iran-military-exercise-3तेहरान/बाकू – ईरान और अज़रबैजान के बीच तनाव में बढ़ोतरी हुई है। ईरान ने शुक्रवार से अज़रबैजान की सीमा पर बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया है और इस युद्धाभ्यास में टैंक, लष्करी वाहनों को भी उतारा है। ईरान की संप्रभुता को चुनौती देनेवालों के लिए यह युद्धाभ्यास जवाब है, ऐसा इशारा ईरान के विदेश मंत्रालय ने दिया है। साथ ही अपनी सीमा के करीब इस्रायल की मौजूदगी बिल्कुल बर्दाश्‍त नहीं करेंगे, यह इशारा भी ईरान ने दिया है। अज़रबैजान और इस्रायल के सहयोग की पृष्ठभूमि पर ईरान यह इशारा देता हुआ दिख रहा है।

अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच बीते वर्ष भड़के ४४ दिनों के संघर्ष के बाद ईरान और अज़रबैजान के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। बीते दो महीनों के दौरान अज़रबैजान की सेना ईरान के मालवाहक ट्रकों से अतिरिक्त कर वसूल करके लूट रहा है, यह आरोप ईरान ने लगाया था। लेकिन, कुछ दिन पहले अज़रबैजान की सेना ने ईरान के ट्रक चालकों को गिरफ्तार किया है। ईरान के ट्रक्स अवैध तरीके से आर्मेनिया के इलाकों में सामान की यातायात कर रहे हैं, यह आरोप अज़रबैजान ने लगाया है। लेकिन, ईरान ने अज़रबैजान के इन आरोपों में सच्चाई ना होने की आलोचना की है।

azerbaijan-border-iran-military-exercise-2इसके बाद ईरान ने अज़रबैजान की सीमा पर सेना का बड़ा जमावड़ा करने की खबरें एवं वीडियो सामने आ रहे हैं। इसमें टैंक, तोप, लष्करी वाहन, ड्रोन्स, हेलिकॉप्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर युनिटस्‌ की तैनाती होने के दावे किए जा रहे हैं। अज़रबैजान के राष्ट्राध्यक्ष इलहाम अलिव ने इन लष्करी गतिविधियों की आलोचना की। सीमा पर इतनी बड़ी मात्रा में सेना तैनात करके ईरान को पुख्ता क्या हासिल करना है, यह सवाल अज़रबैजान के राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातेबज़ादेह ने अज़रबैजान की आपत्ति पर जवाब दिया है। ईरान की संप्रभुता को चुनौती देनेवालों को जवाब देने के तौर पर ईशान कोण क्षेत्र में सबसे बड़े लष्करी युद्धाभ्यास का आयोजन करने का बयान खातेबज़ादेह ने किया। ‘हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्‍यक सभी कार्रवाईयों को ईरान अंजाम देगा। इसके साथ ही ईरान की सीमा से करीबी क्षेत्र में इस्रायल का बढ़ता हुआ प्रभाव ईरान कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेगा’, ऐसा खातेबज़ादेह ने ड़टकर कहा है। स्पष्ट तौर पर ज़िक्र करने से बचकर ईरान ने अज़रबैजान और इस्रायल के बढ़ते सहयोग को लक्ष्य करके यह इशारा दिया हुआ दिख रहा है।

azerbaijan-border-iran-military-exercise-1इस पर अज़रबैजान की सरकार ने प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, ‘अज़ेरी टाईम्स’ नामक सरकार से जुड़ी वेबसाईट ने ईरान को धमकाया है। अज़रबैजान पर हमला किया तो इसका भारी प्रभाव सामने आएगा। क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महासत्ता इस युद्ध में उतरेंगे। ईरान पर हमला करने के लिए इससे बढ़िया अवसर दोबारा नहीं मिलेगा, यह बात इन महासत्ताओं को भी ज्ञात है। ईरान भी इसकी जानकारी रखता है’, ऐसी धमकी अज़ेरी टाईम्स ने दी। अज़रबैजान पर ईरान का हमला तुर्की के साथ इस्रायल को भी इस युद्ध में खींच सकता है, ऐसा इस वेबसाईट का कहना है।

कुछ दिन पहले अज़रबैजान के सांसद ने ऐसा धमकाया था कि, यदि ईरान ने हमला किया तो अज़रबैजान की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान भी ईरान के खिलाफ युद्ध में शामिल होगा। पाकिस्तान की सेना ईरान में प्रवेश करेगी और ईरान की पूँछ काट देगी, ऐसा कहकर सिस्तान-बलोचिस्तान ईरान से अलग करने की धमकी भी अज़रबैजान के इस सांसद ने दी थी। इनके अलावा अन्य सांसद ने तो सीधे ईरान को विश्‍व के नक्शे से मिटाने का बयान किया था।

इन धमकियों की पृष्ठभूमि पर ईरान ने अज़रबैजान की सीमा से करीबी क्षेत्र में लष्करी गतिविधियाँ बढ़ाकर युद्धाभ्यास का आयोजन करने से इस क्षेत्र में तनाव में बढ़ोतरी हुई है।

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