येमन के युद्ध अपराधों के लिए पश्‍चिमी देशों समेत ईरान भी जिम्मेदार – संयुक्त राष्ट्रसंघ का रपट

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: पिछले कुछ वर्षों से येमन में शुरू हिंसा सबसे गंभी युद्धअपराध है| इस अपराध के लिए सौदी अरब, येमन की सरकार और हौथी बागी जितने जिम्मेदार है, उतने ही जिम्मेदार अमरिका, ब्रिटेन और फ्रान्स भी है| पश्‍चिमी देशों के साथ ही हौथी बागियों को हथियारों से सज्जित करनेवाला ईरान भी युद्ध अपराधी होता है’, यह आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने नए रपट में किया है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ के विश्‍लेषकों की समिती ने तैयार किए इस रपट में येमन के हिंसा के लिए दोनों गुट उतने की जिम्मेदार होने का आरोप रखा है| येमन की सरकार और समर्थक एवं हौथी बागी और समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों का उल्लंघन किया है, यह आलोचना इस रपट में की गई है| इस रपट में १६० लष्करी अधिकारी एवं सियासी नेताओं को येमन में युद्ध अपराध करने के लिए जिम्मेदार कहा गया है|

इसमें येमन की हादी सरकार और हौथी बागियों के नेतृत्व के साथ सौदी अरब, यूएई के नेता और लष्करी अधिकारियों का समावेश है| इस सुचि में दर्ज नाम पूरी तरह से गोपनीय रखे गए है और यह सुचि राष्ट्रसंघ के सामने रखी गई है| यह सुचि तैयार करने के लिए राष्ट्रसंघ के ‘ग्रुप ऑफ इंटरनैशनल ऍण्ड रिजनल एमिनंट एक्सपर्टस्’ इन विश्‍लेषकों के गुट ने येमन में हुए हमलों के जख्मी एवं इस संघर्ष के गवाह लोगों से मुलाकात की है| साथ ही दोनों गुटों ने प्रसिद्ध किए व्हिडिओ के साथ ही सोशल मीडिया पर उपलब्ध व्हिडिओ का भी अध्ययन किया है|

राष्ट्रसंघ के रपट में येमन में अमानवी हिंसा के साथ ही रियासी क्षेत्र तबाह करना, गैरजिम्मेदारी से रियासी क्षेत्र में हो रहे हमलें, स्नायपर्स और भूसुरुंग का इस्तेमाल, कारागृह में कैदीयों पर हो रहे अत्याचारों का समावेश है| येमन में पिछले चार वर्षों के संघर्ष में कम से कम ७,२९० लोगों की बलि जाने का दावा हो रहा है| वही, इस अनियंत्रित संघर्ष की वजह से येमन में ८० प्रतिशत जनसंख्या यानी ढाई करोड लोग अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है| इनमें से एक करोड लोग भूखमरी के संकट का सामना कर रहे है, इस बात का संज्ञान वर्णित रपट में लिया गया है|

पश्‍चिमी-अरब देशों ने हादी सरकार और ईरान ने हौथी बागियों को लष्करी सहायता करने से येमन में यह संघर्ष भडक चुका है, यह दावा राष्ट्रसंघ के दल ने किया| यह युद्ध अपराध रोकने है तो अमरिका, ब्रिटेन, फ्रान्स एवं ईरान ने येमन के संघर्ष में सहायता करना बंद करना होगा, यह निवेदन इस रपट से किया गया है|

लेकिन, येमन की सरकार और हौथी बागियों में शुरू यह गृहयुद्ध और भी भडक उठा है| हौथी बागियों ने सौदी अरब के लष्करी ठिकानों समेत ईंधन क्षेत्र पर भी हमलें शुरू किए है| ऐसे में अबतक हादी सरकार के समर्थन में इस संघर्ष में उतरे यूएई समर्थक बागियों ने विरोधी भूमिका अपनाई है| एडन पर कब्जा करने के लिए यूएई समर्थक बागियों ने दो बार येमन की सेना पर हमलें किए है| इससे येमन का संघर्ष इतनी जल्द खतम नही होगा, यही दिख रहा है|

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