ईरान के ड्रोन्स के कारण खाड़ी क्षेत्र की अस्थिरता बढ़ रही है – अमरिकी अभ्यासगुट की चेतावनी

तेहरान – दो दिन पहले ईरान ने अपने लष्करी संचलन में क्षेपणास्त्रों के साथ ड्रोन्स का प्रदर्शन किया। ‘पहले ही ईरान के बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र, रॉकेट्स खाड़ी क्षेत्र की अस्थिरता का कारण बन रहे थे। लेकिन अब ईरान के ड्रोन्स यहाँ की अस्थिरता और भी बढ़ानेवाले हैं’, ऐसी चेतावनी अमरिकी अभ्यासगुट ने दी। पिछले हफ्ते अमरीका के हवाई अड्डे पर हुए ड्रोन हमले की पृष्ठभूमि पर, अमरिकी अभ्यासगुट ने यह चेतावनी दी।

iran-drone-gulfरविवार को लष्कर दिन के उपलक्ष्य में ईरान ने राजधानी तेहरान में लष्करी संचलन का आयोजन किया था। ईरान ने इस संचलन में अपने क्षेपणास्त्रों का प्रदर्शन किया। लेकिन इस साल पहली बार ईरान ने अपने ड्रोन्स भी प्रदर्शित किए। इनमें अमरीका के रिपर, प्रिडेटर ड्रोन्स की नकल होनेवाले निगरानी और बॉम्बर ड्रोन्स की तरह मोहाजिर, यासिर, कमान, कियान ऐसे अलग-अलग ड्रोन्स का समावेश था।

‘इंटरनॅशनल इन्स्टिट्युट फॉर स्ट्रॅटेजिक स्टडिज्’ (आयआयएसएस) इस अमरिकी अभ्यासगुट ने ईरान के ड्रोन के प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की।

‘ईरान के परमाणु कार्यक्रम के साथ ही, इस देश के बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र भी खाड़ी क्षेत्र की अस्थिरता का कारण बने हैं। क्योंकि ईरान के क्षेपणास्त्र लेबनान में हिजबुल्लाह, यमन में हाउथी, गाज़ा में हमास और सीरिया में आतंकवादी संगठनों के हाथ लगने की गहरी संभावना है। ऐसी ही चिंता ईरान के ड्रोन्स के बारे में भी ज़ाहिर की जा सकती है’, ऐसा ‘आयआयएसएस’ ने जताया है।

पिछले हफ्ते इराक के इरबिल स्थित अमरिकी हवाई अड्डे पर ड्रोन्स का हमला हुआ था। ये ड्रोन्स ईरानी बनावट के होने का दावा किया जाता है। साथ ही, यमन के हाउथी बागियों द्वारा सऊदी अरब के इंधन प्रोजेक्ट्स तथा लष्करी और हवाई अड्डों पर होनेवाले हमलों के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले ड्रोन्स ईरानी बनावट के हैं, ऐसा आरोप सऊदी ने किया था।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम की तरह इस देश का क्षेपणास्त्र कार्यक्रम और ड्रोन्स का निर्माण भी खाड़ी क्षेत्र में हथियारों की होड़ शुरू करेगा, यह बात सामने आ रही है। आयआयएसएस ने अपनी रिपोर्ट में ज़ाहिर की चिंता यही दर्शा रही है।

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