अमरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान में राजनैतिक आक्रामकता; उग्रवादी सरकार के खिलाफ आक्रमक

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वॉशिंगटन – अमरिका ने जारी किये कठोर प्रतिबंधों के परिणाम ईरान की राजनीति में भी उमड़ने लगे हैं| ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी और विदेश मंत्री जावेद झरीफ के अनुचित धारणा के कारण ईरान आर्थिक समस्याओं में पडा है, ऐसी आलोचना विरोधक तथा कट्टरपंथिय कर रहे हैं| साथ ही विदेश मंत्री झरीफ ने परमाणु करार के संबंधित स्वीकारी हुई धारणा और उनके गैर जिम्मेदाराना विधान रोहानी सरकार के लिए अगले साल के चुनाव में आत्मविनाशकारी साबित हो सकते हैं, ऐसी चेतावनी ईरान के उग्रवादी गट ने दी है| रोहानी तथा झरीफ पर जारी होने वाली इस आलोचना के कारण ईरान की आंतरिक राजनीति आक्रामक होने के संकेत दिए जा रहे हैं|

कुछही दिनों पहले ईरान के विदेश मंत्री झरीफ ने परमाणु करार का समर्थन करते हुए अमरिका के प्रतिबंधों से होने वाले नुक़सान से ईरान प्रभावित न होने का दावा किया था| साथ ही ईरान पर प्रतिबंध लगाकर अमरिका ही अकेला पड जाएगा, ऐसा झरीफ ने कहा था| दूसरी ओर ईरान तथा पश्चिमी देशों के परमाणु करार को विरोध करने वाली इरानी जनता, व्यापारी तथा राजकीय विरोधक ईरान की उन्नति के आड़े आने का आरोप झरीफ ने किया था| यूरोपीय महासंघ ईरान के साथ किए व्यवहारों को गति दें इसलिए झरीफ ने यह आरोप करने का ईरान सरकार ने स्पष्ट किया था| परंतु झरीफ के इस विधान पर ईरान में सभी स्तरों से आलोचना हो रही है|

साल २०१५ में अमरिका के साथ हुए परमाणु करार का कड़ा विरोध करने वाले ईरान के उग्रवादी गुटों ने झरीफ के विधान रोहानी सरकार के लिए आत्मविनाशी होंगे ऐसा कहा है| ‘परमाणु करार के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था को ज्यादा कुछ नहीं मिलने वाला था| परंतु झरीफ की अनुचित जानकारी के आधार पर अमरिका से परमाणु करार किया गया’, ऐसी आलोचना ईरान के उग्रवादी नेता कर रहे हैं| ईरान की संसद के कुछ नेताओं ने झरीफ को निकाल बाहर करने की मांग की है|

२ महीने पहले ईरान में विरोधक तथा जनता ने परमाणु करार तोड़कर रोहानी सरकार को ख़ारिज करने की मांग की थी| इनमें ईरान के उच्चतम नेता आयातुल्लाह खामेनी के समर्थकों का भी समावेश था| लेकिन खामेनी ने रोहानी सरकार का समर्थन करने का आवाहन किया था| इससे ईरान में सत्ता संघर्ष शुरू होने का दावा अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने किया है|

अमरिका ने जारी किये प्रतिबंधों का परिणाम अपनी अर्थव्यवस्था पर न होने का दावा रोहानी सरकार कर रही है| साथी ईरान की अर्थव्यवस्था फिर से संभल जाएगी ऐसा राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने प्रस्तुत किया था| परंतु अमरीका के प्रतिबंधों के परिणाम ईरान की अर्थव्यवस्था पर होने का सामने आ रहा है| ईरान की जनता, व्यापारी वर्ग अंतरराष्ट्रीय मीडिया से वार्तालाप करते हुए रोहानी सरकार की नीतियों पर नाराजगी व्यक्त कर रही है| पिछले सप्ताह में एक अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने प्रसिद्ध किए जानकारी में ईरान में बेरोजगारी का अनुपात १२.१ प्रतिशत पर पहुंचने का कहा गया है|

अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान में व्यापार के लिए प्रतिकूल वातावरण तैयार होने के साथ सैकड़ों कंपनियां कर्मचारियों की संख्या कम कर रही है| दूसरी ओर कुछ कंपनियों ने बहुत अधिक नुकसान के कारण उत्पादन बंद कर दिया है| लगभग ३० लाख इरानी नागरिकों को नौकरी नहीं मिली है| रोहानी सरकार को इस समस्या का समय रहते निवारण करना चाहिए, ऐसे ईरान के संसदीय समिति ने सितंबर महीने में प्रस्तुत किया था| बेरोजगारी को नियंत्रित नहीं किया तो देश में अस्थिरता निर्माण हो जाएगी, ऐसी चेतावनी समिति ने दी थी|

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