अमरीका के न्यायिक विभाग द्वारा रक्षा विभाग के गोपनीय कागज़ातों के ‘लीक’ मामलों की जांच – खोए हुए कागजातों में यूक्रेन, चीन, ईरान संबंधित दस्तावेज का समावेश

‘लीक’वॉशिंग्टन – अमरिकी रक्षा विभाग से संबंधित काफी गोपनीय कागजात सोशल मीडिया पर ‘लीक’ होने की बात स्पष्ट हुई है। इसमें कई संवेदनशील और अहम जानकारी है और यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित होने का दावा गुप्तचर एवं रक्षा क्षेत्र के अधिकारियों ने किया है। रक्षा विभाग ने इसका संज्ञान लिया हैं और अमरिकी न्याय विभाग ने इस घटना की जांच शुरू करने की बात कही जा रही है। रशिया और यूक्रेन ने इस ‘लीक’ को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाकर यह घटना दुष्प्रचार का हिस्सा होने का दावा किया।

मार्च महीने के शुरू में एक सोशल मीडिया ऐप पर अमरिकी रक्षा विभाग से संबंधित कुछ कागजात प्रसिद्ध हुए थे। लेकिन, इस घटना पर ज्यादा ध्यान नहीं गिया था। कुछ दिन पहले ‘४ चैन’ नामक ऑनलाईन फोरम पर रक्षा विभाग से संबंधिक कागज़ात जारी होना शुरू हुआ। इस फोरम की लिंक और स्क्रीन शॉटस्‌‍ टेलिग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क पर पोस्ट किए गए। यह पोस्ट काफी वायरल होने से अमरिकी होने से अमरिकी माध्यम एवं प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया।

‘लीक’अमरीका के न्यूयॉर्क टाईम्स अखबार ने इस लीक से संबंधित पहला वृत्त जारी किया। इसमें लीक हुए कागज़ातों में यूक्रेन, चीन, इंडो-पैसिफिक और ईरान से संबंधित लगभग १०० डॉक्युमेटस्‌‍ होने की बात कही जा रही हैं। इन सभी कागजातों पर ‘क्लासिफाईड’ का ज़िक्र हैं। साथ ही इनमें से कुछ संवेदनशील कागजात अमरीका के साथ पांच देशों के ‘फाईव आईज्‌‍’ गुट के साथ शेअर होने की जानकारी भी सामने आयी है।

‘लीक’खोए गए कागजातों में सबसे अधिक कागजात रशिया-यूक्रेन युद्ध से संबंधित हैं। अमरीका और सहयोगी देशों का यूक्रेन युद्ध में सहयोग, तैनाती, यूक्रेनी अधिकारियों से हुई चर्चा, यूक्रेन के संभावित जवाबी हमले से जुड़े मुद्दे, यूक्रेन का हो रहा नुकसान, यूक्रेन को प्रदान हो रहे हथियारों की पुरी जानकारी लीक हुए कागजातों में दर्ज़ है। अमरिकी रक्षा विभाग ने ‘लीक डॉक्युमेंटस्‌‍’ का पूरा मामला गंभीर होने की कबुली दी है और अंदरुनि जांच शुरू करने की बात कही है।

रक्षा विभाग के अला अमरीका के न्यायिक विभाग ने भी इस मामले की जांच शुरू की हैं। कागजात पुख्ता कैसे खोए गए, इसकी जांच करने पर जोर दिया जाएगा, ऐसा सुत्रों ने कहा। अमरिकी अखबार ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने जारी किए वृत्त में इस लीक के बाद रक्षा विभाग में ‘पैनिक’ स्थिति होने का दावा किया है। कागज़ात खोने के इस मामले को लेकर अमरीका के सहयोगी देशों से भी पुछा गया हैं और यूरोपिय देशों से इसपर तीव्र नाराज़गी सामने आयी है।

‘पेंटॅगॉन लीक’ मामले पर रशिया और यूक्रेन में एक-दूसरे पर आरोप लगाना शुरू हुआ हैं। दोनों देशों ने यह मामला दुष्प्रचार का हिस्सा होने का आरोप लगाया हैं। यूक्रेन ने रशिया विरोधी जवाबी हमले शुरू करने से पहले गोपनीय कागजात सार्वजनिक होना ध्यान आकर्षित करता है, ऐसा दावा यूक्रेन के अधिकारी एवं विश्लेषकों ने किया हैं। 

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