ईरान में पानी की किल्लत को लेकर तीव्र प्रदर्शन – दो प्रदर्शनकारियों की मौत

तेहरान – ईरान के कुझेस्तान प्रांत में पानी की किल्लत के विरोध में जारी प्रदर्शनों पर सुरक्षा यंत्रणा होने की कार्रवाई में गोलीबारी से दो लोगों की मौत हुई। कुछ मौकापरस्त और दंगाइयों के कारण इन प्रदर्शनकारियों की जान गई होने का आरोप ईरान की सुरक्षा यंत्रणाएँ कर रहीं हैं। वही, शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों पर गोलीबारी करने वाली ईरानी सुरक्षा यंत्रणा अपने साथियों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार होने का आरोप प्रदर्शनकारी कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से जारी इन प्रदर्शनों के समय ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए।

नैऋत्य ईरान का कुझेस्तान प्रांत अकाल ग्रस्त घोषित किया गया है। इस इलाके में पानी की किल्लत निर्माण हुई है। ईरान की खामेनी-रोहानी की हुकूमत अपनी पानी की समस्या की ओर गंभीरता से नहीं देख रही, ऐसा दोषारोपण सरकार विरोधी गुटों ने किया। उसी के साथ, पिछले तीन दिनों से कुझेस्तान प्रांत के प्रमुख शहरों में पानी की मांग के लिए जुलूस निकाले गए थे। इस समय खामेनी-रोहानी हुकूमत के खिलाफ नारे लगाए गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने ‘तानाशाह का विनाश हो’, ‘खामेनी का विनाश हो’, ऐसे नारे लगाकर अपना असंतोष जाहिर किया।

iran-water-protestकुझेस्तान के शादेगन शहर में हुए प्रदर्शनों में ईरानी यंत्रणाओं ने की गोलीबारी में दो युवाओं की मौत हुई । प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने युवाओं पर गोली चलाई, ऐसा आरोप स्थानीय यंत्रणाओं ने कर रही है। वहीं, ईरानी हुकूमत के बचाव के लिए और प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने के लिए ये आरोप किए जा रहे हैं, ऐसा पलटवार प्रदर्शनकारियों ने किया। लेकिन चाहे कुछ भी हो, ये प्रदर्शन नहीं रुकेंगे, ऐसी चेतावनी प्रदर्शनकारियों ने दी।

कुझेस्तान की तरह ईरान के अन्य शहरों में भी पानी की किल्लत के कारण प्रदर्शन भड़के हैं। ईरान की हुकूमत से जुड़े मोर्चे के माध्यमों ने इन प्रदर्शनों की ओर पीठ पर ही दिख रही है। लेकिन सोशल मीडिया तथा पश्चिमी देशों में खामेनी हुकूमत के खिलाफ पोस्ट भूमिका अपनाने वाले पर्शियन माध्यमों ने इन प्रदर्शनों के वीडियो फोटोग्राफ जारी किए। ईरान की हुकूमत कुझेस्तान प्रांत के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव कर रही होने का आरोप इससे अधिक ही जोर पकड़ रहा है।

इराक के बसरा प्रांत के पास होने वाला कुझेस्तान ईरान का अग्रसर इंधन संपन्न प्रांत है। इस कारण कुझेस्तान प्रांत की अर्थव्यवस्था भी बड़ी है। ईरान यह हालांकि शियापंथिय देश है, फिर भी कुझेस्तान प्रांत में सुन्नीपंथियों की बहुसंख्या है। इसलिए ईरान की इंधन व्यापार में यह प्रांत चाहे कितना भी बड़ा योगदान देता हो, फिर भी खामेनी की हुकूमत अपने प्रांत की उपेक्षा कर रही है, इसी शिकायत स्थानीय लोग करते आए हैं। पानी किल्लत के विरोध में जारी इस आंदोलन की राजनीतिक पार्श्वभूमी पृष्ठभूमि ऐसी है।

सन २०१९ में ईरान में खामेनी-रोहानी हुकूमत के खिलाफ भड़के आंदोलन का केंद्र कुझेस्तान प्रांत में ही था। उस समय ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स ने कड़ी कार्रवाई करके हुकूमत के खिलाफ होनेवाला यह आंदोलन दबाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.