चीन की चेतावनी के बाद हॉंगकॉंग के प्रदर्शन और भी तीव्र होने के संकेत

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हॉंगकॉंग – हॉंगकॉंग की कानून और व्यवस्था में हस्तक्षेबप करने की चेतावनी चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने दी है| इस चेतावनी के बाद हॉंगकॉंग के जनतांत्रिक प्रदर्शन और भी तीव्र हुए है और शनिवार के दिन फिर एक बार चीन के उपक्रमों को लक्ष्य किया गया| हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों में अब चीन से आजाद होने का मुद्दा सबसे अधिक प्रभावी साबित होने लगा है और इसे समर्थन दे रहे लोगों की संख्या भी लगातार बढने की बात सामने रही है|

हाल ही में चीन के कम्युनिस्ट दल केसेंट्रल कमिटीकी चार दिनों की बैठक हुई| इस दौरान प्रसिद्ध किए गए निवेदन में हॉंगकॉंग संबंधी किया गया वक्तव्य ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है| हॉंगकॉंग और मकाव का एकसाथ जिक्र करते समय यह सार्वभूम चीन के नेतृत्व में चलाए जा रहे प्रशासकीय विभाग है, यह बात कही गई| अगले दिनों में चीन की हुकूमत राष्ट्रीय सुरक्षा बरकरार रखने के लिए इन विभागों में कानून और व्यवस्था की यंत्रणा में बदलाव करेगी, यह बात संबंधित निवेदन में स्पष्ट की गई

निवेदन में कानून और व्यवस्था के लिए स्वतंत्र दायरा बनाने का किया जिक्र ध्यान आकर्षित कनरेवाला साबित हुआ| हॉंगकॉंग के विश्लेषकों के अनुसार चीन हॉंगकॉंग संबंधित संविधान और कानून में बदलाव करने के लिए कोशिश शुरू कर सकता है| साथ ही हॉंगकॉंग की संविधान में फिलाहल होनेवाले और अबतक इस्तेमाल ना की गई हो, ऐसी धाराओं की भी सहायता ले जा सकती है| इनमें सेआर्टिकल १८चीन की हुकूमत को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हॉंगकॉंग में हस्तक्षेप करने का अवसर देनेवाली धारा है और इसका इस्तेमाल करने की संभावना भी व्यक्त की गई है|

चीन की इन संभावित गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर हॉंगकॉंग के प्रदर्शन और भी तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| शनिवार के दिन हॉंगकॉंग के गुटों ने आजादी की मांग के साथ निकाले मोर्चे में लोगों को शामिल होने का निवेदन किया था| इस मोर्चे को काफी बडा समर्थन प्राप्त हुआ है और यह बात हॉंगकॉंग की प्रशासन के साथ चीन के लिए भी कठिनाई से भरी साबित हो सकती है| इससे पहले हॉंगकॉंग में एक गुट आजादी की मांग करने के लिए पहल कर रहा था| पर, शनिवार के मोर्चे से इस मांग को सभी स्तरों से समर्थन प्राप्त होने की बात दिखाई दी है

साथ ही हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों ने चीन के उपक्रमों को लक्ष्य करने की कोशिश भी शुरू रखी है| शनिवार के प्रदर्शनों के दौरान चीन के हुकूमत की वृत्तसंस्था के तौर पर पहचानी जा रहीझिन्हुआको लक्ष्य किया गया| इस वृत्तसंस्था के हॉंगकॉंग के दफ्तर पर हमला करके इस दफ्तर का काफी बडा नुकसान किया गया| इशसे पहले प्रदर्शनकारियों ने चीन के बैंक एवं अन्य औद्योगिक उपक्रम एवं सरकारी दफ्तरों को भी लक्ष्य किया था|

इन प्रदर्शनों की तीव्रता के साथ हॉंगकॉंग की सुरक्षा यंत्रणाओं से हो रही कार्रवाई भी अधिक आक्रामक और हिंसक हो रही है| शनिवारी शांति के साथ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के विरोध में भी हॉंगकॉंग की पुलिस ने कार्रवाई की| इस दौरान आंसु गैस और रबर बुलेटस् का इस्तेमाल किया गया| कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच मुठभेड होने की बात भी सामने आयी है| इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के विरोध में गैसोलिन बम फेंकने का दावा भी सूत्रों ने किया है|

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