हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों के विरोध में चीन की संभावित कार्रवाई अमरिका के मित्रदेशों के लिए खतरा साबित होगी – निकी हैले का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ‘चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत हॉंगकॉंग पर पूरा नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश में है| इसके लिए यह हुकूमत किसी भी स्तर पर जाकर हॉंगकॉंग की जनता पर कार्रवाई कर सकती है| ऐसा हुआ तो इसका बडा असर एशिया और उसके परे होनेवाले क्षेत्रपर होगा| चीन की यह कार्रवाई अमरिका के एशियाई मित्रदेशों के लिए खतरा साबित होगी’, यह इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त अमरिका की भूतपूर्व राजदूत निकी हैले ने दिया  है|

अमरिका में ‘फॉक्स न्यूज’ इस नामांकित वृत्तवाहिनी से बात करते समय हैले ने हॉंगकॉंग में बनी स्थिति को लेकर तीव्र चिंता व्यक्त की| हॉंगकॉंग की जनता अपने हक के लिए जनतांत्रिक तरीके से रास्तेपर उतरी है| अबतक उनके प्रदर्शन शांति के मार्ग से हो रहे थे| लेकिन, पिछले कुछ दिनों से हॉंगकॉंग के पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाईव्ह फायर, आंसू गैस का इस्तेमाल करके वहां की स्थिति बिगाडी है, यह आलोचना निकी हैले ने की|

साथ ही हॉंगकॉंग की इतिहास की ओर हैले ने ध्यान आकर्षित किया| हॉंगकॉंग शहर अमरिका के ‘न्यूयॉर्क’ जैसा बडा है| दुनिया के प्रमुख आर्थिक केंद्रों में हॉंगकॉंग का समावेश होता है| वर्ष १९९७ तक हॉंगकॉंग ब्रिटेन की कालनी थी| पहले हुए समझौते के अनुसार ब्रिटेन ने इस शहर का कब्जा चीन के हाथ सौंप दिया| लेकिन, चीन को यह शहर सौपते समय हॉंगकॉंग में ५० वर्षों से स्थापित जनतंत्रा कायम रखने की शर्त ब्रिटेन ने चीन के सामने रखी थी|

हॉंगकॉंग कब्जे में आने के बाद चीन ने अगले कुछ वर्षों तक हॉंगकॉंग की जनतंत्र को हाथ नही लगाया| लेकिन पिछले कुछ वर्षों से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने वहां का जनतंत्र पैरो तलें मसलना शुरू किया| इन कोशिशों में चीन की हुकूमत कामयाब साबित हुआ तो वह एशियाई देशों के लिए खतरा होगा, यह इशारा हैले ने दिया है|

हॉंगकॉंग में बनी वर्तमानकी स्थिति के लिए चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की निती जिम्मेदार होने का आरोप हैले ने किया है| जिनपिंग की हुकूमत चीन की जनता, अर्थव्यवस्था, संस्कृति पर नियंत्रण प्राप्त कर रही है और हॉंगकॉंग पर पूरा नियंत्रण प्राप्त करना अब चीन की हुकूमत के लिए जरूरी बना है, यह दावा अमरिका के भूतपूर्व राजदूत ने किया है|

इसी बीच हॉंगकॉंग में फिलहाल हो रहे प्रदर्शन यह चीन की इतिहास में सरकार के विरोध हो रहे सबसे बडे प्रदर्शन साबित हो रहे है| यह प्रदर्शन आगे भी जारी रहे तो चीन के हुकूमत के हाथ में सिफ २ विकल्प रहते है| हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों से बाजू में हटकर जनतंत्र बरकरार रहने दे, यह पहला विकल्प होगा| इसके अलावा हॉंगकॉंग के प्रदर्शन खतम करके वहां पर कम्युनिस्ट हुकूमत स्थापित करने का दुसरा विकल्प रहेगा| राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग का इतिहास देखे तो वह दुसरे विकल्पा का ही चयन करेंगे, ऐसा हैले ने किया|

लेकिन, ऐसा हुआ तो चीन की विस्तारवाद की महत्त्वाकांक्षा को बल प्राप्त होगा और एशिया के अन्य देशों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बनेगा| अमरिका के इस क्षेत्र के मित्रदेशों के लिए चीन की यह नीति खतरा साबित होगी, यह एहसास हैले ने कराया है|

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