हॉंगकॉंग में चीन की युद्धपोत और सेना की नई फौज दाखिल

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉंगकॉंग – चीन की सार्वभूमता की सुरक्षा केलिए कटीबद्ध है,यह संदेशा देने के साथ ही चीन की सेना की नई फौज हॉंगकॉंग में दाखिल हुई है| इस फौज के साथ एक युद्धपोत भी हॉंगकॉंग की बंदरगाह में पहुंची है| यह फौज और युद्धपोत की तैनाती नियमित प्रक्रिया का हिस्सा होने का खुलासा चीन की सरकार ने किया है| लेकिन, चीन के प्रसारमाध्यमों ने इस बारे में प्रसिद्ध किए फोटो हॉंगकॉंग पर कार्रवाई के संकेत होने के दावे विश्‍लेषक कर रहे है|

बुधवार की रात और गुरूवार के दिन हॉंगकॉंग में बने चीन के लष्करी अड्डे पर सेना की नई फौज दाखिल हुई| इस के साथ ही हॉंगकॉंग के बंदरगाह में पहुंची युद्धपोत के फोटो भी प्रसार माध्यमों ने प्रसिद्ध किए है| फौज और युद्धपोत हॉंगकॉंग में बने चीन के लष्करी अड्डे पर तैनात होंगे, यह जानकारी प्रसार माध्यमों ने प्रसिद्ध की है| हॉंगकॉंग में बना लष्करी अड्डा चीन की हुकूमत और केंद्रीय लष्करी आयोग से प्राप्त हो रही सूचनाओं पर अमल करेगा| एक देश दो व्यवस्था इसपर अमल होगा’, यह निवेदन चीन की सेना ने किया है|

कुछ दिन पहले हॉंकगॉंग के निकट होनेवाले शेन्झेन में ‘पिपल्स आर्म्ड पुलिस’ की टुकडियों के युद्धाभ्यास करने की जानकारी सामने आयी थी| ‘शेन्झेन का सिल्कवर्म स्टेडियम हॉंगकॉंग के हवाई अड्डे से सीर्फ ५६ किलोमीटर दूरी पह है और वहां से हॉंगकॉंग पहुंचने के लिए मात्र १० मिनट लगेंगे, इन शब्दों में चीन की सेना ने हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों को कार्रवाई करने की धमकी दी थी| ऐसे में हुई यह नई तैनाती ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हो रही है|

पिछले कुछ दिनों में चीन की हुकूमत ने हॉंगकॉंग में हस्तक्षेप करने के संकेत लगातार दिए है| चीन के वरिष्ठ अधिकारीयों ने माध्यमों में किए वक्तव्य भी इस कार्रवाई की संभावना होने की पुष्टी कर रहे है| हॉंगकॉंग में चीन का रक्षा अड्डा है और वहां पर आंठ हजार से अधिक सैनिक, हेलिकॉप्टर्स, युद्धपोत, हथियारी गाडियां और टैंक तैनात है| हॉंगकॉंग का कब्जा ब्रिटेन से लेते समय ‘गैरिसन लॉ’ मंजूर किया गया था| इसके अनुसार हॉंगकॉंग के स्थानिय प्रशासन को जरूरत महसूस हुई तो वह हॉंगकॉंग में मौजूद चीन की सेना के सामने सहायता की मांग कर सकता है| कानून और सुव्यवस्था बरकरार रखना एवं बडी नैसर्गिक आपत्ति की स्थिति में यह मांग करने की अनुमित दी गई है|

हॉंगकॉंग में पिछले तीन महीनों से चीन की हुकूमत के विरोध में प्रदर्शन हो रहे है और अबतक चीन के नेताओं के विरोध में सबसे अधिक समय तक हुए प्रदर्शन के तौपर हॉंगकॉंग के प्रदर्शन पहचाने जा रहे है|

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