आतंकी पाकिस्तान से भारत के संबंध सामान्य होना संभव नही – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवाद ही अपनी अधिकृत नीति होने की बात खुलेआम स्वीकार की है और अपनी इस नीति का उसने समर्थन भी किया है। इस वजह से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहें पाकिस्तान से संबंध सामान्य होना काफी कठिन है, यह बयान करके भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने फटकार लगाई है। साथ ही जम्मू-कश्‍मीर और लद्दाख को केंद्रीय प्रदेश घोषित करना भारत का अंदरुनि मामला हैं और इसमें पड़ोसी देश दखलअंदाज़ी ना करें, यह इशारा भी विदेशमंत्री जयशंकर ने दिया।

Jaishankar-pakistanएक ऑनलाईन कार्यक्रम को संबोधित करते समय विदेशमंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान की पोल खोली। जब तक आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त होता रहेगा, तब तक भारत के पड़ोसी देश के साथ संबंध सामान्य नहीं होंगे, यह बात विदेशमंत्री जयशंकर ने स्पष्ट की। पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवाद ही अपनी नीति होगी, यह ऐलान किया है। इस पर ध्यान केंद्रीत करके विदेशमंत्री जयशंकर ने बीते वर्ष से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान और विदेशमंत्री शाह मेहमूद कुरेशी ने किए बयान पर ध्यान आकर्षित किया।

पाकिस्तान के साथ भारत के व्यापारी संबंध भी अच्छे नहीं है, यह जयशंकर ने स्पष्ट किया। द्विपक्षीय संबंध सामान्य रखने के लिए व्यापारी संबंध अच्छे होने आवश्‍यक होता है। लेकिन, पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार भी नहीं करता और भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन्स (एमएफएन) का दर्जा देने से भी इन्कार किया है, इस बात की भी विदेशमंत्री जयशंकर ने याद दिलाई। इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत और अफ़गानिस्तान का व्यापार रोक रखा है, यह आलोचना भी विदेशमंत्री ने की। इसी कारण जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की नीति छोड़कर इस समस्या पर ध्यान नहीं देता तब तक इस विचित्र पड़ोसी देश के साथ सामान्य संबंध रखना कठिन है, यह बात जयशंकर ने कही।

इसीके साथ बीते वर्ष जम्मू-कश्‍मीर का विशेष दर्जा हटाने के बारे में और आगे जम्मू-कश्‍मीर एवं लद्दाख को केंद्रीय प्रदेश घोषित करने के बारे में किए गए निर्णय का भी विदशमंत्री जयशंकर ने समर्थन किया। भारत ने अपनी बाहरी सीमा में किसी भी तरह से बदलाव नहीं किया है। इस वजह से पड़ोसी देशों ने इसमें ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है और यह भारत का अंदरुनि मसला है। हर देश को प्रशासकीय कार्यकक्षा बदलने का अधिकार है और चीन जैसे देश ने भी अपने प्रांतों की सीमाओं में बदलाव किए हैं, ऐसी फटकार भी जयशंकर ने लगाई। इसके साथ ही देश की बाहरी सीमा बदली जाती है तब ही पड़ोसी देशों पर इसका असर होता है, यह कहकर भारत के इस निर्णय पर रोना रो रहे पाकिस्तान एवं चीन को विदेशमंत्री जयशंकर ने तमाचा जड़ा है।

Jaishankar-pakistanइसी बीच वर्ष २०१६ में भारतीय वायुसेना के पठानकोट अड्डे पर हुआ आतंकी हमला और उसके बाद उरी स्थित लष्करी अड्डे पर हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंध तोड़ दिए थे। पुलवामा में हुए कायराना हमले में ४० सैनिक शहीद होने पर भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला करके इसके आगे पाकिस्तान का आतंकवाद बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा, यह स्पष्ट संकेत दिए थे।

कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने भारत से हमें चर्चा का प्रस्ताव प्राप्त होने का झूठा दावा किया था। इस दावे में बिल्कुल सच्चाई ना होने का खुलासा भारत के विदेश मंत्रालय ने किया था। भारत चर्चा के लिए तैयार होने का भ्रामक चित्र दिखाकर पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार अपनी सरकार की मलीन प्रतिष्ठा दुबारा सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, उन पर भरोसा करने के लिए पाकिस्तान में भी कोई तैयार नहीं है। काफी बड़े आर्थिक, सियासी संकट में फंसे पाकिस्तान की सरकार से किसी भी हालात में भारत ने चर्चा करना संभव ही नहीं है, यह दावा पाकिस्तानी पत्रकार कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर आतंकवादी पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध सामान्य होना बिल्कुल संभव ना होने की बात स्पष्ट करके विदेशमंत्री जयशंकर ने दुबारा भारत की भूमिका स्पष्ट की हुई दिखाई दे रही है।

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