प्रधानमंत्री के चीन भेंट से सकारात्मक संदेश – विश्लेषकों का दावा

वुहान: चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इनके साथ हार्ट टू हार्ट यह शीर्षक होनेवाली चर्चा खत्म करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मातृभूमि लौटे हैं। उनका यह दौरा सफल होने का दावा करके इसकी वजह से क्षेत्र में परिस्थिति बदलने के संकेत दिए जा रहे हैं। डोकलाम के विवाद में भारत के विरोध में जानेवाले चीन के भूमिका में दिखाई दे रहे सकारात्मक बदलाव से यह निष्कर्ष सामने आ रहा है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।

प्रधानमंत्री मोदी इनके २ दिन की चीन भेंट में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग इनसे दीर्घ चर्चा संपन्न हुई है। इस समय दोनों देशों के सहयोग नई ऊंचाई पर ले जाने के बारे में एकमत हुआ है और इस संदर्भ में कई महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की गई है। इनमें सीमारेखा पर शांति एवं सौहार्द कायम रखने के प्रयत्न करने के लिये दोनों नेताओं ने मंजूरी दी है। साथ ही अफगानिस्तान जैसे संघर्ष की वजह से अस्थिर हुए देश में भारत एवं चीन संयुक्त रूप से आर्थिक प्रकल्प कार्यान्वित करने वाले हैं।

नरेंद्र मोदी, सकारात्मक संदेश, चीन भेंट, शी जिनपिंग, विश्लेषकों का दावा, वुहान, अफगानिस्तानइससे पहले अफगानिस्तान के बारे में भारत एवं चीन के हितसंबंध एक दूसरे के विरोधी होने की बात विशेषज्ञों ने कही थी। अफगानिस्तान में पाकिस्तान के व्यापक भूमिका के लिए आग्रह करने वाले चीन ने अफगानिस्तान के बारे में पहली बार भारत से सहयोग करने का निर्णय लिया है। इससे चीन के बदले हुए भूमिका के संकेत दिए जा रहे हैं। मुख्य तौर पर चीन ने हात लिए ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआय) परियोजना में भारत शामिल हो, इसके लिए चीन भारत पर दबाव नहीं डालेगा, ऐसी जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय ने दी है।

चीन एवं भारत यह बहुस्तंभीय दुनिया का आधार होने का दावा राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने किया है। इसकी वजह से भारत एवं चीन ने संयुक्तरूप से प्रयत्न करके जागतिक शांति एवं विकास के लिए सकारात्मक योगदान देना चाहिए, ऐसी अपेक्षा राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने की है। भारत एवं चीन एक दूसरों के उत्तम पड़ोसी एवं मित्र देश है। दोनों देश अपने विकास के ख्वाब साकार करने के लिए जागतिक स्तर पर एक दूसरों का प्रभाव का उपयोग करें, ऐसा संदेश भी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने दिया है।

आने वाले समय में भारत एवं चीन का लष्कर एक दूसरों पर विश्वास बढ़ाने के लिए कदम उठाएंगे, ऐसी जानकारी भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने दिया है। जल्द ही दोनों देशों में लष्कर में ‘हॉटलाइन’ शुरू होगा ऐसे संकेत उस समय विदेश सचिव ने देने की बात कई लोगों ने कही है।

विविध वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता फैलते समय भारत एवं चीन ने एक दूसरों से सहयोग करने का निर्णय लिया है। तथा उसके बड़े लाभ दोनों देशों को मिल सकते हैं, ऐसा सुर दोनों देशों के नेताओं ने लगाने की बात प्रधानमंत्री मोदी इन के दौरे से स्पष्ट हो रही है।

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