तेजस से बीव्हीआर मिसाइल के परीक्षण सफल – तेजस को ऑपरेशनल क्लीयरेंस मिलने का मार्ग खुला

नई दिल्ली: भारतीय बनावट के लड़ाकू ‘तेजस’ विमान से बीव्हीआर मिसाइल दागने का महत्वपूर्ण परीक्षण शनिवार को किया गया है। इस परीक्षण द्वारा तेजस के अंतिम ऑपरेशनल क्लीयरेंस का मार्ग खुला हुआ है। चीन और पाकिस्तान सीमा पर वायुसेना का ‘गगनशक्ति’ यह युद्धाभ्यास हालही में संपन्न हुआ था। इस युद्धाभ्यास में तेजस ने अपनी क्षमता सिद्ध करने की बात वायुसेना ने कही है। कई दिनों पहले ८३ तेजस विमान खरीदने का निर्णय वायुसेना ने लिया था। इस पृष्ठभूमि पर इस परीक्षण को मिली सफलता का बढ़ा महत्व है।

बीव्हीआर मिसाइल, परीक्षण सफल, तेजस, ऑपरेशनल क्लीयरेंस, मार्ग खुला, भारत, भारतीय वायुसेनाभारतीय वायुसेना को ४२ स्क्वॉड्रन लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। पर वायुसेना के पास ३२ स्क्वॉड्रन है। उसमे अनेक विमान के आयु खत्म हुई है। बदलती जागतिक परिस्थिति और पड़ोसी देशों के साथ तनाव की पृष्ठभूमि पर भारतीय वायुसेना का बल बढ़ाना आवश्यक बना है। इसके लिए अन्य देशों के साथ से लड़ाकू विमान की खरीदारी के प्रयत्न शुरू होते हुए देसी बनावट के ‘तेजस’ हल्के वजन के विमान के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।

इससे पहले ‘तेजस’ को शस्त्र और मिसाइल से सज्ज करने की अनुमति दी गई थी। उसके अनुसार इस शस्त्र सज्ज तेजस के महत्वपूर्ण परीक्षा संपन्न हुए हैं। इस परीक्षण के बाद तेजस को अंतिम ऑपरेशन क्लियरेंस (एफएओ) मिल सकता है। शनिवार के सफल परीक्षण की वजह से तेजस एफएओ मिलने के बहुत ही निकट पहुंचा है, ऐसी जानकारी अधिकारियों से मिली है।

बियौंड विजुअल रेंज (बीव्हीआर) यह हवा से हवा में हमला करने वाले मिसाइल दागने की क्षमता होनेवाले लड़ाकू विमान अत्यंत घातक माने जाते हैं। तेजस ने यह मिसाइल सफलरूप से दागते हुए अपनी क्षमता सिद्ध की है। गोआ में एक परीक्षण किया गया था। तेजस में दागे हुए मिसाइलों ने अपने लक्ष्य अचूक रूप से साध्य किए हैं, ऐसी जानकारी अधिकारियों से मिली है।

इससे पहले भारतीय वायुसेना ने ४० तेजस विमानों कि ऑर्डर भारतीय एरोनॉटिक्स को (एचएल) को दी थी तथा कई दिनों पहले अधिक ८३ तेजस विमानों के लिए ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल’ (आरएसपी) वायुसेना ने एचएल को भेजा था। यह खरीदारी का व्यवहार ५० हजार करोड रुपए का होने वाला है। इस पृष्ठभूमि पर तेजस से बीव्हीआर मिसाइल दागने के परीक्षण को मिली सफलता वायुसेना की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। तेजस विमान भारतीय रक्षा संशोधन एवं विकास संस्था (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। यह प्रकल्प वास्तव में लाने और उसके बाद तेजस तैयार होने में बहुत विलंब हुआ है। पर अब संपूर्ण रूप से भारतीय बनावट के यह विमान अपनी क्षमता सिद्ध कर रहे हैं।

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