‘कोरोना’ से लड़ने के लिए जापान से भारत को प्राप्त हुई ३,५०० करोड़ रुपयों की आर्थिक सहायता

टोकियो/नई दिल्ली – कोरोना की महामारी से लड़ने के लिए भारत की कोशिशों में सहायता प्रदान करने के लिए जापान ने कदम उठाए हैं। इसके तहत जापान से भारत को ३,५०० करोड़ रुपयों की आर्थिक सहायता प्रदान होगी। सोमवार के दिन अर्थ मंत्रालय और जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजन्सी (जेआयसीए) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय से चलाई जा रही ‘प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना’ (पीएम-एएसबीवाय) पर अमल करने के लिए यह आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, यह जानकारी साझा की गई है।

Japan-corona-Indiaसोमवार के दिन अर्थ मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सी.एस.मोहपात्रा और भारत में नियुक्त ‘जेआयसीए’ के प्रतिनिधि राजदूत कात्सुओ मात्सुमोटो ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। जापान से प्राप्त हो रहे ३,५०० करोड़ रुपयों का ऋण ‘ऑफिशियल डेवलपमेंट असिस्टन्स’ (ओडीए) वर्क का है और ‘कोविड-१९ क्रायसिस रिस्पॉन्स इमर्जन्सी सपोर्ट लोन’ के तहत दिया गया है। यह राशि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना (पीएम-एएसबीवाय) के लिए प्रदान होगी।

‘जेआयसीए’ ने भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य यंत्रणा मज़बूत करने के लिए यह कर्ज़ उपलब्ध कराया है। इसमें करोनो से नुकसान हो रहे गंभीर स्थिति के मरीज़ों पर इलाज भी किया जाएगा। ‘कोविड-१९ क्रायसिस रिस्पॉन्स इमर्जन्सी असिस्टन्स लोन’ कोरोना के खिलाफ़ भारत की जारी जंग के लिए आवश्‍यक राशि प्रदान करता है। यह आर्थिक सहायता भारत सरकार के स्वास्थ्य और वैद्यकीय नीति पर अमल करने के साथ संक्रमण प्रतिबंध और व्यवस्थापन सुविधाओं से सुसज्जित ‘आयसीयू’ और अस्पतालों का विकास करने के लिए सहायक साबित होगा, यह बात जेआयसीए ने अपने निवेदन में कही है।

Japan-corona-Indiaजापान से भारत को प्राप्त हो रही यह आर्थिक सहायता १५ वर्ष के लिए उपलब्ध होगी और इसके लिए प्रति वर्ष ०.०१% ब्याज का भुगतान करना होगा। जेआयसीए ‘पीएमएएसबीवाय’ के तहत तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगी। ‘जेआयसीए’ ने बीते दो दशकों में भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ४२.५ अरब जापानी येन की सहायता की है। भारत में तमिलनाडु और ओड़िशा जैसे राज्यों में ‘जेआयसीए’ ने स्वास्थ्य प्रकल्प भी शुरू किए गए हैं।

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