भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया के ‘एससीआरआय’ का चीन को झटका

बीजिंग – भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने पहल करके ‘सप्लाय चेन रेझिलियन्स इनिशिएटीव्ह’ (एससीआरआय) अर्थात् ‘सप्लाई चैन’ के संदर्भ में सहयोग शुरू किया है। इससे फिलहाल जागतिक उत्पादन का एकमात्र केंद्र अथवा ‘दुनिया की फैक्ट्री’ माने जानेवाले चीन को झटका लगा है। इसपर चीन की प्रतिक्रिया आई होकर, ये तीनों देश जो हरकतें कर रहे हैं, वे जागतिक व्यापारीक नियमों के विरोध में होने की आलोचना चीन के विदेश मंत्रालय ने की है। दुनिया कोरोना की महामारी से बाहर निकलकर अर्थव्यवस्था पहले जैसी बनाने के लिए जान तोड़ कोशिश कर रही है, ऐसे में ऐसीं कोशिशें इस प्रक्रिया को खतरे में डाल सकतीं हैं, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने दी।

‘एससीआरआय’

चीन के वुहान प्रांत से कोरोना पूरी दुनिया में फैल गया। शुरुआती दौर में इसका सर्वाधिक झटका चीन को लगा था और उससे चीन का उत्पादन क्षेत्र ठप हुआ था। दुनिया की फैक्ट्री माने जानेवाले चीन के उत्पादन क्षेत्र को भी झटका लगने के बाद, दुनियाभर के प्रमुख देश और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ऐसा लगने लगा था कि चीन के लिए विश्‍वासार्ह विकल्प ढूँढ़ना आवश्यक है। केवल कोरोना से उद्भवित परिस्थिति ही नहीं, बल्कि चीन की विस्तारवादी नीतियाँ और अपनी आर्थिक-लष्करी ताकत का वर्चस्ववादी नीतियों के लिए इस्तेमाल करने की चीन की प्रवृत्ति भी अन्तर्राष्ट्रीय चिंता का विषय बनी है। सर्वाधिक व्यापार होनेवाले अपने साझेदार देशों के साथ भी चीन के बहुत बड़े राजनीतिक विवाद हैं। इस कारण अपने उत्पादन क्षेत्र के सामर्थ्य का इस्तेमाल, चीन राजनीतिक हेतु पूरे करने के लिए कर रहा होने की बात बार-बार स्पष्ट हुई है। खासकर अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने इसका अनुभव किया था।

इस पृष्ठभूमि पर, चीन को विकल्प साबित हो सकने वाली जागतिक सप्लाई चैन बनाने की तैयारी भारत कोमा जापान और ऑस्ट्रेलिया ने की है। ‘सप्लाय चेन रेझिलियन्स इनिशिएटीव्ह’ (एससीआरआय) यह इन प्रयासों का अहम चरण साबित होता है। भारत के व्यापार मंत्री पियूष गोयल, जापान के व्यापारमंत्री काजियामा हिरोशी और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार एवं पर्यटन तथा निवेश विषयक मंत्री डॅन टेहन ने ‘एससीआरआय’ के लिए पहल की। तीनों देश अधिक विश्‍वासार्ह सप्लाई चैन विकसित करनेवाले होने की घोषणा ‘एससीआरआय’ द्वारा की गई है।

इस वर्चुअल परिषद में, संकटों और रुकावटों का विशेष असर ना होनेवाली विश्‍वासार्ह सप्लाई चैन तैयार करके, उसके द्वारा निरंतर, मजबूत और संतुलित एवं सर्वसमावेशक विकास का ध्येय सामने रखा गया। इस समय व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने, जानकारी के आदान-प्रदान का महत्व अधोरेखांकित करके, इससे क्षमता विकसित करने के लिए बहुत बड़ी सहायता मिलेगी, ऐसा विश्वास व्यक्त किया। साथ ही, गोयल ने इस समय, वर्तमान सप्लाई चैन का परीक्षण करके, उसमें होनेवालीं खामियाँ ढूँढ़कर उन्हें दूर करने का आवाहन अधिकारियों से किया। उसके साथ, भारत में जिसका उत्पादन होता है और जिसकी सप्लाई चैन भी है, ऐसे पाँच उत्पाद चुनने का अनुरोध करके, उससे संबंधित जानकारी जापान और ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों को प्रदान करने के लिए पहल करें, ऐसा आवाहन भी व्यापार मंत्री गोयल ने अधिकारियों से किया।

इससे जापान और ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों को, अपनी सप्लाई चैन में विभिन्नता लाने के लिए नया विकल्प प्राप्त होगा, ऐसा विश्वास गोयल ने व्यक्त किया है। लेकिन एससीआरआय के इस उपक्रम पर चीन ने चिंता जाहिर की है। अन्तर्राष्ट्रीय उद्योग के लिए आवश्यक सप्लाई चैन यह कोई एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करने जैसी बात नहीं है। इसका लाभ दोनों तरफ मिलता है । साथ ही, इस प्रकार सप्लाई चैन को दूसरी ओर मोड़ना यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक नियमों के विरोध में जानेवाली बात है। साथ ही, उससे जागतिक सप्लाई चैन में व्यत्यय आ सकता है, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने दी है।

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