दो दशकों में भारत पहली बार ‘ट्रेड सरप्लस’ की स्थिति में

नई दिल्ली – कोरोना वायरस के कारण किए गए ‘लॉकडाउन’ की वज़ह से देश की निर्यात में गिरावट हुई और उसी समय, माँग भी कम होने से आयात में भी गिरावट हुई है। ऐसी स्थिति भी पिछले १८ वर्षों में पहली बार देश को व्यापारी घाटा नहीं हुआ है। आयात की तुलना में निर्यात की मात्रा अधिक रहने से इतने वर्षों में भारत पहली बार व्यापार अधिनिवेश (ट्रेड सरप्लस) की स्थिति में होने की जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी किए आँकड़ों से स्पष्ट हो रही है।

Trade-Surplusरिज़र्व्ह बैंक ने हाल ही में, मार्च २०२० में ख़त्म हुए आर्थिक वर्ष की रिपोर्ट जारी की थी। उसके अनुसार, सन २०१९-२०२० के दौरान भारत का व्यापारी घाटा कम होकर १५७.५ अरब डॉलर्स तक कम हुआ है। इससे देश के व्यापारी घाटे में कमी होने की जानकारी स्पष्ट हुई थी। लेकिन, कोरोना की महामारी की वजह से मार्च के अन्त से लगाए गए लॉकडाउन के कारण माँग में काफ़ी कमी हुई हैं, जिससे आयात में भी बड़ी गिरावट हुई हैं। पिछले तीन महीनों में आयात कम होने से भारत अब ‘ट्रेड सरप्लस’ की स्थिति में है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार, जून महीने में देश की निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में १२.५१ प्रतिशत गिरावट देखी गई। जून महीने में देश से २१.९१ अरब डॉलर्स की निर्यात हुई। लेकिन, निर्यात के साथ आयात में ४७.४९ प्रतिशत गिरावट हुई है। जून महीने में देश से २१.११ अरब डॉलर्स का सामान आयात किया गया। इसके कारण देश में पहली बार आयात की तुलना में निर्यात की मात्रा अधिक हुई। जून महीने में हुए विदेश व्यापार में कुल ७९ करोड़ डॉलर्स का ‘ट्रेड़ सरप्लस’ दर्ज़ हुआ।

पिछले चार महीनों से भारत की निर्यात में लगातार गिरावट देखी गई। वस्त्र, अभियांत्रिकी सामान, जेवरात की निर्यात कम हुई है। लेकिन अप्रैल और मई महीने की तुलना में जून महीने मे देश की निर्यात में सुधार हुआ है। लेकिन उसी समय, देश की आयातस्थिति वैसी ही कायम है। पिछले वर्ष के जून महीने की तुलना में, इस वर्ष र्इंधन की आयात में ५५.२९ प्रतिशत कमी हुई है। इस दौरान देश में ४.९३ अरब डॉलर्स का र्इंधन आयात हुआ है। साथ ही, सोने की आयात में भी ७७ प्रतिशत गिरावट हुई है। इसके अलावा देश के कोयले की आयात में भी कमी हुई है।

सन २००२ में देश पहली बार १० अरब डॉलर्स ‘ट्रेड सरप्लस’ की स्थिति में था। इसके बाद इस वर्ष के जून में देश में ट्रेड सरप्लस की स्थिति बनी है। मई महीने में ‘बर्कलेज्‌’ इस आंतर्राष्ट्रीय वित्त एवं ब्रोकरेज़ कंपनी ने, सन २०२०-२१ के वर्ष में भारत ‘ट्रेड सरप्लस’ में रहेगा, यह अंदाज़ा व्यक्त किया था। वर्तमान आर्थिक वर्ष में भारत में आयात से भी निर्यात की मात्रा अधिक रहेगी और इसके कारण इस वर्ष भारत का ‘ट्रेड सरप्लस’ लगभग २० अरब डॉलर्स का रहेगा, यह अंदाज़ा बर्कलेज्‌ ने दर्ज़ किया था।

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