‘आयएसए’ समझौते के साथ ही भारत को प्रगत तकनीक प्रदान करना मुमकिन होगा – अमरिका की भूतपूर्व उपमंत्री निशा बिस्वाल

वॉशिंग्टन – भारत और अमरिका के बीच हुए इंडस्ट्रिअल सिक्युरिटी एनेक्स(आयएस) समझौते की वजह से आधुनिक, प्रगत तकनीक एवं जानकारी भारत को प्रदान करना मुमकिन होगा| इस वजह से भारतअमरिका व्यापारी संबंध और भी मजबूत होंगे| साथ ही रक्षा क्षेत्र में जागतिक प्रदायक श्रृंखला का हिस्सा होने के लिए भारत को सहायता होगी, यह दावा अमरिकी विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशियाई विभाग के भूतपूर्व उपमंत्री और यूएसइंडिया बिझनेस कौन्सिलकी अध्यक्षा निशा बिस्वाल ने किया है|

पिछले हफ्ते में भारत और अमरिका की टू प्लस टू बातचीत हुई थी| रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और भातर के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने अमरिका की यात्रा की थी| इस दौरान आयएसए समझौता किया गया| अमरिका के साथ हुए आयएसए समझौते की वजह से रक्षा उत्पाद क्षेत्र में भारत को बडा लाभ होगा, यहदावा उस समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने किया था| साथ ही अमरिका और भारत संयुक्त रक्षा सामान का निर्माण एवं विकास कर सकेंगे, यह भी राजनाथ सिंग ने कहा था

यही बात निशा बिस्वाल ने भी रेखांकित की है| भारत और अमरिका की टू प्लस टू बातचीत के दौरान हुा आयएसए समझौता इस बातचीत की सबसे बडी कामयाबी होने की बात बिस्वाल ने कही है| इस से दोनों देशों के औद्योगिक संबंधों को काफी बडी उंचाई प्राप्त होगी| भारत को आधुनिक तकनीक प्रदान करना अमरिका को मुमकिन होगा| दोनों देश भागीदारी में कुछ अहम परियोजनाओं पर काम कर सकेंगे, यह बयान निशा बिस्वाल ने किया है|

भारत को रक्षा सामान निर्माण का केंद्र बनना है तो और भारत को अमरिकी उत्पाद एवं तकनीक की आपुर्ति करनेवाला देश बनना है तो आयएसएसमझौता यकिनन अहम है, इस ओर बिस्वाल ने ध्यान आकर्षित किया| ‘आयएसएके बाद दोनों देश बेसिक एक्सचेंज ऍण्ड कोऑपरेशन एग्रिमेंट(बीईसीए) करेंगे|

दोनों देशों में हुए डिफेन्स ट्रेड टेक्नॉलॉजी इनिशिएटिव्ह(डीटीटीआय) समझौते से काफी बातें आसान हुई है और दोनों देश कभी नही थे इतनें नजदिक पहुंचे है| भारत और अमरिका के रक्षा सहयोग को मजबूती प्राप्त हुई है, यह बात भी बिस्वाल ने रेखांकित की|

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