प्रधानमंत्री के दौरे में विवाद खत्म करने में भारत-अमरीका सफल

वॉशिंग्टन – प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे में दोनों देशों को वैश्विक व्यापारी परिषद तक पहुंचे छह व्यापारी विवाद खत्म करने मे दोनो देश कामयाब हुए हैं। इससे भारत और अमरीका का व्यापार आगे के समय में आधिक बढ़ेगा और इसका लाभ दोनों देशों को प्राप्त होगा, यह विश्वास भारत के व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने व्यक्त किया है।

अमरीका यह भारत का सबसे बड़ा व्यापारी भागीदार देश बना हैं। वित्तीय वर्ष २०२२-२३ में दोनों देशों का व्यापार बढ़कर १९१ अरब डॉलर तक पहुंचा हैं। वर्ष २०१४ की तुलना में यह व्यापार बढ़कर दोगुना हुआ है। लेकिन, इसके बावजूद दोनों देशों के व्यापारी विवाद भी बढ़ रहे थे। यह विवाद ‘वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन’ (डब्ल्यूटीओ) तक जा पहुंचे थे। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे में दोनों देशों ने यह विवाद खत्म करने की बड़ी सफलता हासिल होती दिख रही है।

वर्ष २०१८ में अमरीका ने भारत से निर्यात हो रहे लोहे पर २५ प्रतिशत, एल्युमिनियम पर १० प्रतिशत कर वसुली शुरू की थी। इसके बाद भारत ने वर्ष २०१९ में २८ अमरिकी उत्पादों पर कर लगाया था। यह विवाद ‘डब्ल्यूटीओ’ में जा पहुंचा था और वहां पर दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए थे। लेकिन, अब भारत-अमरीका के जारी छह प्रमुख विवाद खत्म हुए हैं। इस वजह से दोनों देशों के व्यापार में बनी बाधाएं काफी मात्रा में कम हुई और द्विपक्षीय व्यापार की गति और दायरा अधिक बढ़ेगा, यह दावे किए जा रहे हैं।

पिछले वित्तीय वर्ष में चीन को पीछे छोड़कर अमरीका भारत का सबसे बड़ा व्यापारी भागीदार देश बना था। इस वित्तीय वर्ष में दोनों देशों का व्यापार प्रचंड़ बढ़ेगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर ५०० अरब करने का ध्येय सामने रखा था। लेकिन, व्यापारी विवाद का हल निकालने में भारत और अमरीका को बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई थी। भारत के व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने इसे काफी बड़ी सफलता बताकर यह दावा किया कि, इससे दोनों देशों को काफी लाभ प्राप्त होगा।

भारत-अमरीका व्यापार में फिलहाल कोई भी विवाद बचा नहीं है। अमरीका के व्यापार मंत्री कैथरिन टाय इस वर्ष के अन्त तक ‘ट्रेड पॉलिसी फोरम’ की बैठक के लिए भारत पहुंचेंगे, ऐसा गोयल ने कहा। इसी बीच अमरीका के व्यापार मंत्री ने भी यह कहकर संतोष व्यक्त किया कि, यह विवाद खत्म होने की वजह से अमरीका के कृषि क्षत्र के लिए भारत का बाज़ार खुल जाएगा।

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