हिमालय भी भारत और चीन के दोस्ती के आड़ नहीं आ सकता- चीन के विदेशमंत्री का दावा

बीजिंग: राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई तो, हिमालय भी चीन एवं भारत के मित्रता के आड़ नहीं आ सकता, ऐसा दावा चीन के विदेश मंत्री वॅंग ई ने किया है। उस समय चीन के वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) प्रकल्प को प्रत्युत्तर देने के लिए भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया एवं अमरिका मिलकर विकसित कर रहे प्रकल्प मतलब समुद्र के पानी पर झाग ठहरेगा और वह कम समय में धुंधला हो जाएगा, ऐसा दावा चीन के विदेश मंत्री ने किया है।

बीजिंग में पत्रकार परिषद में बोलते हुए चीन के विदेशमंत्री ने भारत को मित्रता एवं सहयोग का संदेश दिया है। दोनों देशों के मतभेद दूर रखकर अपने सहयोग ऊंचाई पर ले जाए, ऐसी अपेक्षा चीन के विदेश मंत्री ने व्यक्त की है। उसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं भावनात्मक सहयोग के रचना की आवश्यकता होकर दोनों देशों के नेतृत्व इसके लिए पहल करें, ऐसा वॅंग ई ने कहा है। उसमें चीन भारत के साथ संबंध विकसित करने के लिए प्रयत्न करने का  भरोसा देकर इन्हें इस स्तर पर भारत को अपने पक्ष से प्रयत्न करने होंगे, ऐसे संकेत दिए हैं।

भारत का हाथी और चीन का ड्रॅगन एक ही ताल पर नृत्य कर सकता है। दोनों देश साथ आए तो एक और एक मिलकर दो नहीं, बल्कि ११ की संख्या बन सकती है, ऐसा विश्वास वॅंग ई ने व्यक्त किया है। उस समय डोकलाम जैसी समस्या भारत और चीन के सामने इससे पहले भी आई थी। पर दोनों देशों के संबंध कठिन परिस्थिति में टिके रहे, ऐसा दावा विदेश मंत्री ने किया है। डोकलाम के विवाद की स्थिति में भारत को १९६२ वर्ष के पराजय की याद दिलाकर उसकी धमकी देने वाले चीन के विदेश मंत्री उस समय भारत से सहयोग का संदेश देने की बात दिखाइ दे रही है।

इससे पहले चीन ने भारत को ऐसे ही सहयोग के संदेश दिए थे। पर चीन के कारवाइयों को देखते हुए यह देश भारत के साथ मित्रता बढ़ाने के लिए बिल्कुल उत्सुक नहि है एसे दिखाई दे रहा है। भारत के सभी पड़ोसी देशों का उपयोग करके भारत को घेरने की तैयारी शुरू की है। पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यानमार, भूटान एवं मालदीव इन देशों को अपने तल की तरह उपयोग करने के लिए चीन प्रयत्न कर रहा है। इन देशों में चीन बढ़ा रहा अपना प्रभाव यह भारत के लिए इशारे की सूचना है। पर ऐसा होते हुए भी भारत जैसा बड़ा व्यापार का बाजार गवाँने के लिए चीन की तैयारी नहीं है।

पिछले कई दिनों से अमरिका एवं चीन में व्यापार युद्ध भड़कने की गहरी आशंका निर्माण हुई है। इसकी वजह से चीन को भारत जैसी बड़ा बाजार हात से गवाना संभव नहीं होगा, इसलिए चीन भारत को मित्रता के सहयोग के संदेश दे रहा है।

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