चीनी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार कठोर नियम लगाएंगे

नई दिल्ली:‘पॉवर ट्रांसमिशन’ और ‘टेलिकॉम’ क्षेत्र जैसे संवेदनशील क्षेत्र में चीनी कंपनियों का प्रवेश रोकने के लिए, भारत सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं। चीनी कंपनियां अपने उपकरणों में ‘मालवेअर’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से घातक है, ऐसे आरोप किए जा रहे थे। उसके बाद भारत सरकार ने यह कदम उठाने की तैयारी शुरू की है। गौरतलब है कि, डोकलाम को लेकर चीन के साथ विवाद भड़क गया है, ऐसे में भारत सरकार द्वारा होनेवाली इस कार्रवाई की तरफ चीन विरोधी निर्णय की नजर से देखे जाने की बहुत संभावना है।

कठोर

भारत की स्थानीय कंपनियां बिजली वितरण अर्थात ‘पॉवर ट्रांसमिशन’ और ‘टेलिकॉम’ क्षेत्र में चीनी कंपनियों के भारत में बढ़ते विस्तार पर चिंता जता रहीं हैं। इसके सन्दर्भ में उन्होंने केंद्र सरकार के पास भी शिकायत की है। इस क्षेत्र में चीनी कंपनियों का बढ़ता विस्तार सुरक्षा की दृष्टिकोण से चुनौती साबित हो सकती है, ऐसी चिंता भारतीय कंपनियों ने व्यक्त की थी। साथ ही भारत चीनी कंपनियों को इस क्षेत्र में सहूलियत दे रहा है, इस प्रकार की सहुलतें भारतीय कंपनियों को चीन के बाजार में नहीं मिलती, इसकी तरफ भी भारतीय कंपनियां ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इसके साथ ही चीनी कंपनियां अपने उपकरणों में ‘मालवेअर’ का इस्तेमाल करती हैं, ऐसा आरोप बहुत समय से किया जा रहा था। इस पृष्ठभूमि पर केंद्र सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है, ऐसी जानकारी वरिष्ठ अधिकारीयों ने दी है।

‘हर्बिन इलेक्ट्रिक्स’, ‘डाँगफैंग इलेक्ट्रोनिक्स’, ‘शांघाय इलेक्ट्रिक्स’ और ‘सिफँग ऑटोमेशन’ जैसी चीनी कंपनियां आजके दिन में देश के १८ शहरों में आवश्यक विद्युतीय उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं अथवा बिजली वितरण व्यवस्था देख रहे हैं।

सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स अथोरिटी (सीईए) इसके बाद भारतीय बाजार में विदेशी कंपनियों के प्रवेश के मामले में नियम कड़े करने वाली है और इन कंपनियों पर नई शर्तें लगाईं जाने वाली हैं। इसके अनुसार ‘पॉवर ट्रांसमिशन’ अनुबंध की बोली के नियमों में बदल किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में दाखिल होने वाली विदेशी कंपनी को भारत में व्यवसाय करने का कम से कम दस साल का अनुभव होना बंधनकारक किया जाएगा। इन कंपनीयों को भारत मे नियुक्त प्रमुख अधिकारियों में भारतियों का समावेश करने के साथ कंपनी के विदेशो कर्मचारियों को मर्यादित समय के लिए भारत में रहना पड़ेगा, ऐसा नियम बनाने का विचार हो रहा है। इसके अलावा कंपनी को ख़रीदे जाने वाले कच्चे माल और उपकरणों की पूरी जानकारी प्रकाशित करनी होगी और इन उपकरणों में मालवेअर दिखाई दिया तो कंपनी को बंद किया जाएगा, इस तरह के नियम इस नियमावली में होने की खबर है। लेकिन अधिकृत स्तर पर इसके बारे में जानकारी प्रकाशित नहीं की गई है।

‘पॉवर ट्रांसमिशन’ सेक्टर के साथ ही ‘टेलिकॉम’ क्षेत्र में भी चीनी कंपनियों के विस्तार को लगाम लगाने के लिए, नियम कठोर बनाने की तैयारी शुरू है। इस दौरान सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने २१ स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली २१ चीनी कंपनियों की ओर से सुरक्षा नियमों का कठोर पालन हो रहा है या नहीं, इसकी जानकारी मांगी है।

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