टोल नाके बंद होंगे – अगले १ वर्ष में ‘जीपीएस’ पर आधारित टोल व्यवस्था शुरू होगी – केंद्रीयमंत्री नितीन गडकरी का ऐलान

नई दिल्ली – देश में अगले १ वर्ष के दौरान टोल नाके बंद किए जाएंगे। लेकिन, इसका मतलब टोल चुकाना नहीं होगा, ऐसा नहीं है, यह बात गडकरी ने स्पष्ट की। केंद्र सरकार ‘टोल’ वसूलने के लिए ‘जीपीएस’ पर आधारित नई व्यवस्था पेश करेगी। इसके अनुसार टोल वसूले जानेवाले रास्तों पर जितने किलोमीटर गाड़ी चलेगी उतना ही टोल ‘लिंक्ड बैंक अकाउंट’ से वसूला जाएगा, ऐसी अहम घोषणा केंद्रीय राजमार्ग एवं सड़क यातायात मंत्री नितीन गडकरी ने की है।

gps-tollलोकसभा में केंद्रीयमंत्री गडकरी ने सरकार की इस भावी योजना की जानकारी दी। फरवरी से देश में ‘फास्ट टैग’ अनिवार्य किया गया था। टोल नाकों पर भीड़ कम हो और टोल वसूली पारदर्शी करने के लिए ‘फास्ट टैग स्कैनिंग’ की ‘इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट’ व्यवस्था शुरू की गई है। अब तक देश की ९३ प्रतिशत गाड़ियों को फास्ट टैग लगाया गया है और ७ प्रतिशत गाड़ियों को अभी तक फास्ट टैग नहीं लगा है। फास्ट टैग ना होने पर दोगुना टोल वसूला जा रहा है। ऐसा होते हुए भी इन सात प्रतिशत गाड़ियों ने फास्ट टैग नहीं लगाया है। ‘फास्ट टैग’ के माध्यम से टोल ना भरनेवाली गाड़ियों की पुलिस द्वारा जाँच करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही गाड़ियों पर फास्ट टैग ना होने पर टोल चोरी एवं जीएसटी की चोरी की शिकायतें संबंधित गाड़ीयों के मालिकों पर दाखिल की जाएंगी, ऐसा इशारा केंद्रीय यातायात मंत्री गड़करी ने दिया है।

gps-tollसाथ ही टोल वसूलने की नई योजना पर सरकार काम करी है, यह भी उन्होंने कहा। यह व्यवस्था गाड़ी चालकों के हित में है। इसके अनुसार टोल नाके खत्म होंगे। लेकिन, फिर भी टोल वसूली होगी। मौजूदा व्यवस्था में किसी राजमार्ग पर एक टोल से दूसरे टोल तक की जितनी दूरी होती है उतनी दूरी के लिए पूरा टोल देना होता है। लेकिन, नई व्यवस्था में संबंधित गाड़ी टोल के रास्ते पर पहुँचने के बाद जितनी दूरी तक जाएगी उतनी दूरी के टोल के पैसे वसूले जाएंगे, ऐसा गडकरी ने कहा। यह व्यवस्था ‘जीपीएस’ पर आधारित है, यह जानकारी केंद्रीय मंत्री ने प्रदान की।

नए नियमों के अनुसार नई व्यावसायिक गाड़ियां ‘जीपीएस’ सिस्टम के साथ ही सड़कों पर उतारी जा रही हैं। पुरानी गाड़ियों को भी ‘जीपीएस’ लगाने की सूचना दी जाएगी। ‘जीपीएस’ पर आधारित टोल वसूलने की व्यवस्था में राजमार्ग के एन्ट्री पॉर्इंट पर कैमेरे लगे होंगे। ‘जीपीएस ट्रैकिंग’ करके गाड़ी ने जहां पर एन्ट्री की और उस मार्ग पर जितनी दूरी तय की उतनी ही दूरी का टोल देना होगा और इस टोल की रकम गाड़ी चालक के बैंक अकाउंट से काटी जाएगी, यह जानकारी सामने आ रही है।

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