बढ़ती कीमतों की पृष्ठभूमि पर ‘स्टील’ के विकल्पों का इस्तेमाल करने की केंद्रीयमंत्री गड़करी ने दी चेतावनी

नई दिल्ली – ‘स्टील’ की कीमतों में बीते कुछ समय में काफी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी कृत्रिम होने का और यह ब्लैक मार्केटिंग का मामला होने का आरोप रखकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने स्टील कंपनियों को चेतावनी दी है। स्टील की कीमतों में इसी तरह से बढ़ोतरी जारी रहने पर, सड़क और पुल निर्माण में ‘सिंथेटिक फायबर’ और ‘कंपोझिट फायबर’ बार्स के विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र सरकार अनुमति देगी’, यह चेतावनी केंद्रीयमंत्री गडकरी ने दी है।

‘इंडस्ट्री हाउस’ के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किए कार्यक्रम में गडकरी बोल रहे थे। स्टील की कीमतों में हुई बढ़ोतरी किसी भी तरह से जायज़ साबित नहीं होतीं। क्योंकि, कच्चे सामान की कीमतों में या मज़दूरी में बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके अलावा बिजली के दर मे भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। फिर स्टील की क़ीमतों में बढ़ोतरी क्यो हो रही है? इतना ही नहीं, बल्कि हर एक स्टील उत्पादक की अपनी खुद की खदाने हैं। इस वजह से स्टील की कीमतों में हुई यह बढ़ोतरी ‘ब्लैक मार्केटिंग’ का मामला है। अपने देश का सीमेंट उद्योग भी यही आदत रखता है, इसपर भी केंद्रीयमंत्री गडकरी ने ग़ौर फ़रमाया।

स्टील और सीमेंट उद्योग इस तरह से होनेवाली कीमतों की बढ़ोतरी को नियंत्रित करें। स्टील और सीमेंट की बढ़ती कीमतों का असर बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों पर हो रहा है, इस पर गडकरी ने चिंता व्यक्त की। देश में इस्तेमाल हो रहें कुल स्टील में से ४० प्रतिशत स्टील और सीमेंट का इस्तेमाल राजमार्गों के निर्माण के लिए होता है। इस कारण, यदि ये कीमतें कम नहीं हुईं, तो इसके विकल्पों का इस्तेमाल करने की नीति तैयार की जाएगी, ऐसी सख्त चेतावनी ही केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी। स्टील और सीमेंट की कीमतों में इस तरह से बढ़ोतरी जारी रहीं, तो सड़क और पूलों का निर्माण करने के लिए ‘सिंथेटिक फायबर’ और ‘कंपोझिट फायबर’ बार्स का इस्तेमाल किया जाएगा, यह इशारा गडकरी ने दिया।

‘सिंथेटिक फायबर’ और ‘कंपोझिट फायबर’ बार्स का इस्तेमाल विश्‍वभर में अलग अलग निर्माण कार्यों में हो रहा है। इससे स्टील की आवश्‍यकता कम होती है। ‘सिंथेटिक फायबर’ और ‘कंपोझिट फायबर’ को गंज नहीं लगता और वज़न में भी यह हल्का होता है, इस ओर गडकरी ने ध्यान आकर्षित किया। ‘सिंथेटिक फायबर’ और ‘कंपोझिट फायबर’ के बार, स्टील का स्थान नहीं ले सकतें। लेकिन, कुछ जगहों पर ये विकल्प के तौर पर आगे आ सकेंगे, इस बात पर गडकरी ने ग़ौर फ़रमाया।

कुछ दिन पहले भी केंद्रीयमंत्री गडकरी ने स्टील और सिमेंट क्षेत्र को इसी मुद्दे पर चेतावनी दी थी। देश को ५ ट्रियिलन डॉलर्स की इकॉनॉमी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन, स्टील और सिमेंट की बढ़ती कीमतों की वजह से इसमें बाधाएँ निर्माण हो रही हैं, यह बात भी उन्होंने कही थी। साथ ही, स्टील और सिमेंट क्षेत्र के लिए नियामक संस्था गठित करने की माँग भी गडकरी ने की थी।

इसी बीच, सीमेंट कंपनियों की नीति को लेकर प्राप्त हुईं शिकायतों पर ‘द कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया’ (सीसीआय) ने बीते वर्ष के दिसंबर महीने में जाँच शुरू की है।

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