अर्थव्यवस्था की विकास गति बढ़ाने के लिए अर्थमंत्री से महत्वपूर्ण घोषणा

नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था का धीमा हुआ विकास दर और कुछ क्षेत्रों की कमज़ोर हुई विकास गति की पृष्ठभूमि पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने महत्त्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की हैं| गृह निर्माण और निर्यात क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से विशेष घोषणा की गई हैं| इनमें निर्यात क्षेत्र के लिए ५० हजार करोड़ रुपयों की प्रोत्साहन परियोजना का और गृह निर्माण क्षेत्र के लिए १० हजार करोड़ों के आर्थिक सहयोग की भी घोषणा का समावेश हैं| अर्थव्यवस्था के विकास की गति बढ़ाने के लिए इससे पहले लिए निर्णयों के परिणाम दिखने लगे हैं, ऐसा दावा केंद्रीय मंत्री ने इस समय किया हैं| साथ ही महंगाई दर नियंत्रण में होते हुए यह औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि होने के स्पष्ट संकेत हैं, इस ओर अर्थमंत्री सीतारामन ने ध्यान आकर्षित कराया हैं|

जागतिक स्तर पर शुरू व्यापार युद्ध और अन्य जागतिक घटनाओं के कारण दुनिया भर में मंदी का डर व्यक्त हो रहा हैं| इसी का परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी दिखाई दे रहा हैं| बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की भी विकास गति धीमी होते हुए उसकी तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर ज्यादा हैं| लेकिन यह विकास दर पिछले छह वर्षों के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया हैं| इस पृष्ठभूमि पर अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने शनिवार को महत्वपूर्ण घोषणा की हैं| पिछले २० दिनों में केंद्रीय अर्थमंत्री ने तीसरी बार अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय घोषित किए हैं|

इससे पहले बैंकों को ७० हजार करोड रुपयों की पूंजी प्रदान करने के साथ विदेशी वित्त संस्थाओं से हो रहे निवेश पर लगाया सरचार्ज हटाया था| साथ ही बैंकों के विलीनीकरण की भी घोषणा की गई थीं| इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे|

शनिवार को इसी श्रृंखला में और कुछ निर्णयों की घोषणा की गई हैं| लेकिन इस समय यह निर्णय घोषित करते हुए अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने इससे पहले के निर्णय का परिणाम दिखने की बात ठोस रूप से रेखांकित की हैं| साथ ही महंगाई दर नियंत्रण में होते हुए ४ प्रतिशत के नीचे हैं| यह बात औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि होने का स्पष्ट रूप से दिखाती हैं ऐसा सीतारामन ने कहा हैं|

इस समय गृह निर्माण क्षेत्र के लिए केंद्रीय अर्थमंत्री ने महत्वपूर्ण घोषणा की हैं| ६० प्रतिशत पूर्ण हुए, लेकिन वर्तमान में ठप अवस्था में होने वाले गृह निर्माण प्रोजेक्टस् के लिए १० हजार करोड़ रुपयों के आर्थिक सहयोग की घोषणा अर्थमंत्री सीतारामन ने की हैं| इस कारण ऐसे ठप प्रोजेक्टस् पूरे हो जाएंगे और ग्राहकों को भी दिलासा मिलेगा|

लेकिन एनपीए होने वाले इन प्रोजेक्टस् को यह सहयोग नहीं मिलने वाला, ऐसा अर्थमंत्री सीतारामन ने स्पष्ट किया हैं| इसके अलावा घर खरीदने के लिए विशेष विंडो बनाई जाएगी| इस कारण घर खरीदने और होम लोन प्राप्त करना आसान हो जाएगा| किफायती आवास बनाने को अधिक चलना देने के लिए सरकार नियमों में सुधार करेगी, यह भी वित्त मंत्री सीतारामन ने इस समय घोषित किया हैं| ४५ लाख तक के घर किफायती आवासों की श्रेणी में लाने की धारणा का काफी लाभ होने का उन्होंने समय बताया हैं|

केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने निर्यात क्षेत्र के लिए भी प्रोत्साहन परियोजना घोषित की हैं| निर्यात क्षेत्र के लिए ‘रेमिशन ऑफ ड्यूटिज् और टॅक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रॉडक्शन’ (आरओडीटीपी) इस परियोजना की घोषणा की गई हैं| यह परियोजना वर्तमान में शुरू एमईआयएस परियोजना की जगह लेगी| इस नई परियोजना के कारण निर्यातकर्ताओं को लगभग ५० हजार करोड़ रुपयों के करों में छूट के रूप में लाभान्वित होगा| इसके अलावा स्पेशल एफटीए ऍग्रीमेंट मिशन चलाने का भी केंद्रीय मंत्री ने घोषित किया हैं| इस मिशन के अंतर्गत विभिन्न निर्यात व्यापारी संस्था और संगठनों के साथ चर्चा करके समझौता किया जाएगा | साथ ही सरकार से दी जा रही करों के छूट की जानकारी भी निर्यातकर्ता और आयतकर्ताओं तक पहुंचाई जाएगी| इसके अलावा निर्यात का समय कम करना, गुणवत्ता सुधारना और नए निवेश के लिए नियमों में अभिगम्यता लाई जाने का भी अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा हैं| इसके अलावा मार्च २०२० तक चार मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन भी होनेवाला हैं|

अगस्त महीने में निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में ६.०४ प्रतिशत की गिरावट देखी गई है और इस दौरान भारत की निर्यात २६.१३ अरब डॉलर्स तक सीमित रही है| इस पृष्ठभूमि पर भारी मात्रा में रोजगार उपलब्ध होनेवाले निर्यात क्षेत्र की ओर सरकार ध्यान देती दिखाई दे रही हैं|

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