चीन और तालिबान के खिलाफ ‘ईटीआयएम-आयएस’ हाथ मिलाएँगे – विश्लेषकों के दावे से चीन की बढ़ी चिंता

chinese-fighters725बीजिंग/वॉशिंग्टन – अफ़गानिस्तान से अमरीका की वापसी पूरी होने के कुछ ही घंटे बाद तालिबान अन्य आतंकी संगठनों से स्वयं को अलग करे, यह माँग चीन ने की है। इसके साथ ही चीन की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हुई ‘ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मुवमेंट-ईटीआयएम’ को अफ़गानिस्तान में स्थान ना देने का वादा तालिबान ने किया था, इस वादे की याद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेंबिन ने दिलाई है। इसके बदले में अफ़गानिस्तान को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए हम तैयार हैं, यह बयान भी वेंबिन ने किया।

चीन के झिंजियांग प्रांत के उइगरवंशियों की ‘द ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मुवमेंट’ (ईटीआयएम) को आतंकी संगठन के नाम से जाना जाता है। झिंजियांग को चीन से अलग करके ईस्ट तुर्कस्तान स्थापित करने का ऐलान ‘ईटीआयएम’ ने किया था। इस संगठन में ५०० आतंकी होने की जानकारी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने पहले ही साझा की थी। अफ़गानिस्तान के कुंदूज़, तखर और बड़ाख्शन प्रांतों में ‘ईटीआयएम’ का प्रभाव है। हमारी सुरक्षा के लिए खतरा बनी ‘ईटीआयएम’ को तालिबान ठिकाने लगाए, यह माँग भी चीन ने की थी।

china-taliban-etim-is-2लेकिन, ‘ईटीआयएम’ के नेताओं के अल कायदा के आतंकियों के साथ सहयोग हैं। ऐसी ‘ईटीआयएम’ पर कार्रवाई नहीं करेंगे, यह बात तालिबान ने इससे पहले ही स्पष्ट की थी। लेकिन, तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक सहायता प्राप्त कराने के लिए चीन ने जोरदार कोशिश शुरू की है। चीन के इस दबाव का शिकार होकर तालिबान हम पर हमले कर सकती है या हमारे सदस्यों को चीन के हाथों सौंप सकती है, यह ड़र ‘ईटीआयएम’ को सता रहा है। ऐसा हुआ तो अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में नया संघर्ष शुरू होगा, यह दावा सेना विश्‍लेषक कर रहे हैं।

तो, दूसरी ओर तालिबान को ज़रिया बनाकर अमरीका ‘ईटीआयएम’ को सहायता प्रदान कर सकती है, ऐसी संभावना भी जताई जा रही है। चीन को शह देने के लिए अमरीका ने यह साज़िश रचि होगी, यह चिंता चीन को सता रही है। पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषक भी यही आशंका जता रहे हैं कि, अमरीका और तालिबान ने चीन के खिलाफ हाथ मिलाया होगा। इससे पहले, अफ़गानिस्तान और तुर्की की गुप्तचर यंत्रणाओं ने आयएस-खोरासन और ईटीआयएम का सहयोग होने का दावा किया था। चार वर्ष पहले सीरिया के संघर्ष के दौरान ‘ईटीआयएम’ के आतंकियों ने ‘आयएस’ का साथ दिया था। उस समय चीन ने चिंता जताई थी।

ऐसी स्थिति में तालिबान ‘ईटीआयएम’ को लेकर क्या भूमिका अपनाएगी, इस पर चीन की नज़रें लगी हैं। ‘ईटीआयएम’ पर चीन की चिंता पर तालिबान के प्रवक्ता ने कुछ दिन पहले ही सूचक बयान करके कहा था कि, चीन को अपनी नीति पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.