तालिबान को स्वीकृति प्रदान नहीं की तो दूसरे ९/११ का खतरा – पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की धमकी

लंदन – अमरीका ने तालिबान को तुरंत स्वीकृति प्रदान नहीं की तो दूसरे ९/११ का खतरा है, ऐसा इशारा पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने दिया। ब्रिटेन के अखबार को दिया साक्षात्कार प्रसिद्ध होने के बाद युसूफ ने अपने बोलने का पूरी तरह से गलत मतलब लगाया गया, ऐसी आलोचना भी की है। लेकिन, इससे पहले एक ब्रिटीश समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार के दौरान मोईद युसूफ ने थोड़े अलग शब्दों में यही इशारा दिया था। साथ ही पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसरणमंत्री फवाद चौधरी ने भी अफ़गानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान की सलाह को नजरअंदाज करने से भयंकर स्थिति निर्माण होगी, यह इशारा दिया है।

‘पाकिस्तान के विचारों पर गौर किए बीना अफ़गानिस्तान की समस्या का हल निकलना मुमकिन ही नहीं। पाकिस्तान को नजरअंदाज करके कोई भी अफ़गानिस्तान के मसले का हल नहीं निकाल सकता’, ऐसे इशारे पाकिस्तान के मंत्री ने दिए थे। लेकिन, पाकिस्तान के इन दावों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा किसी ने ध्यान में नहीं रखा। इस वजह से बेचैन हुए पाकिस्तान ने अब अधिक आक्रामकता से ब्लैकमेलिंग शुरू करने की बात सामने आ रही है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने ‘द संडे टाईम्स’ नामक ब्रिटीश अखबार को दिए साक्षात्कार में दिया हुआ इशारा यही कहता है।

अमरीका ने तालिबान को तुरंत स्वीकृति प्रदान नहीं की तो दूसरे ९/११ के हमले का खतरा हो सकता है, ऐसा मोईद युसूफ ने कहने का दावा इस अखबार ने किया। इस पर युसूफ ने आपत्ति भी जताई। हमारे कहने का पूरी तरह से गलत मतलब निकाला गया है, यह बात युसूफ ने स्पष्ट की। असल में युसूफ ने ९० के दशक की तरह ही इस बार भी पश्‍चिमी देशों ने अफ़गानिस्तान को बेसहारा छोड़ दिया, तो पहले की घटनाएँ दोहराई जाएंगी, ऐसा कहा था। ९० के दशक में अफ़गानिस्तान से सोवियत रशिया की वापसी के बाद अमरीका ने अफ़गानिस्तान को पीठ दिखाई थी। इसके बाद अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल करके अमरीका पर ९/११ का हमला करने की साज़िश की गई। इस इतिहास का दाखिला भी युसूफ ने अपने साक्षात्कार में दिया था।

इसके बावजूद मोईद युसूफ ने अपने बयान का विपर्यास किया गया, यह दावा किया है। लेकिन, स्काय न्यूज नामक ब्रिटीश समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में भी मोईद युसूफ ने थोडे-बहुत फरक से ऐसे ही धमकाते हुए दिखे थे। इसके अलावा पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसरण मंत्री फवाद चौधरी ने भी अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान की सलाह को नजरअंदाज किया तो भयंकर स्थिति निर्माण होगी, यह इशारा दिया है। अफ़गानिस्तान के लाखों शरणार्थी पाकिस्तान में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्हें स्वीकारना पाकिस्तान की क्षमता से बाहर है। पाकिस्तान में पहले से ही ३५ लाख अफ़गान शरणार्थी हैं। ऐसी स्थिति में पश्‍चिमी देशों ने अफ़गानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान की सलाह नहीं मानी तो ड़रावनी स्थिति निर्माण होगी, ऐसा बयान फवाद चौधरी ने किया।

मोईद युसूफ और फवाद चौधरी के बयान पाकिस्तान के ब्लैकमेलिंग और धमकाने के कारनामे शुरू होने के संकेत दे रहे हैं। इसका अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने गंभीर संज्ञान लिया है। पश्‍चिमी देश भी इस पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ कर सकते हैं।

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