अमरिका-चीन संघर्ष का परिणाम विश्‍वयुद्ध से भी भयंकर होंगे – अमरिकी ज्येष्ठ कूटनीतिज्ञ

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरन्यूयॉर्क: यूरोप की संस्कृति नष्ट करनेवाले विश्‍वयुद्धों से भी अमरिका और चीन के बीच शुरू संघर्ष अधिक भयंकर होगा| इसी लिए इस संघर्ष से बचने के लिए दोनों देशों को एकदुसरे के साथ बने मतभेद दूर करने होंगे| ऐसा नही हुआ तो इन दो देशों का संघर्ष होकर ही रहेगा, यह चेतावनी अमरिका के भूतपूर्व विदेशमंत्री एवं ज्येष्ठ मुत्सद्दी हेन्री किसिंजर ने दी है| दोनों देश एकदुसरे पर वर्चस्व नही कर सकते, यह इशारा भी किसिंजर ने अमरिका और चीन को दिया है|

हम कठिन समय से गुजर रहे है| ऐसे समय में इस विश्‍व का भविष्य अपने निर्णय पर निर्भर है, यह एहसास अमरिका और चीन को यकिनन होगा, यह उम्मीद भी किसिंजर ने व्यक्त की| न्यूयॉर्क में आयोजित नैशनल कमिटी ऑन यूएस चायना रिलेशन्सके कार्यक्रम में किसिंजर बोल रहे थे| ‘अमरिका के प्रभाव को चीन खुलेआम चुनौती दे रहा है| इससे पहले कभी भी विश्‍व के अलग अलग हिस्सोंके दो प्रमुख देश इस तरह से ऐसे स्थान पर नही पहुंचे थे| पर, शीर्ष स्थान के लिए शुरू हुआ यह संघर्ष ऐसे ही जारी रहा तो कोई भी देश इसमें जीत नही सकेगा और आखिर में इन दोनों देशों को भयंकर परिणामों का सामना करना होगा, यह इशारा किसिंजर ने दिया है|

इन परिणामों का एहसास दिलाने के लिए किसिंजर ने विश्‍वयुद्ध के बाद यूरोप में हुए तबाही की याद दिलाई| ‘इनमें से कोई देश दुसरे देश पर वर्चस्व कर नही सकता, यह सच्चाई इन दोनों देशों ने स्वीकारना जरूरी है, यह कहकर किसिंजर ने अमरिका और चीन को शत्रूता खतम करने का निवेदन किया|

अमरिका और चीन में व्यापार युद्ध हो रहा है और परिस्थिति ऐसी ही बनी रही तो इस व्यापार युद्ध से लडाई शुरू हुए बिना नही रहेगी, ऐसे इशारें विश्‍लेषक दे रहे है| बल्कि, दोनों देशों का सफर लडाई की दिशा में शुरू भी हुआ है, यह दावा सामरिक विश्‍लेषक कर रहे है| इंडोपैसिफिक क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए अमरिका ने कडी गतिविधियां शुरू की है| इसी बीच अमरिका अपने सार्वभूमता को चुनौती दे रही है, यह आरोप करके चीन इन कोशिशों के विरोध में अधिक आक्रामकता के साथ लष्करी कदम बढा रहा है|

इस वजह से इंडोपैसिफिक क्षेत्र की स्थिति तनाव से भरी है और संघर्ष की एक चिंगारी भी बडा विस्फोट करवा सकेगी, यह इशारा लगातार दिया जा रहा है| कुछ दिन पहले तैवान की खाडी से अमरिकी युद्धपोत ने सफर किया था| इसके बाद वहीं से चीन की विमानवाहक युद्धपोत ने भी सफर किया| इसी बीच ही अमरिका और जापान के युद्धपोतों ने चीन की युद्धपोत का पीछा किया था, यह जानकारी तैवान के रक्षा मंत्रालय ने दी थी|

इसी पृष्ठभूमि पर अमरिका की विदेशनीति के शिल्पकार समझे जा रहे हेन्री किसिंजर ने अमरिका और चीन को संघर्ष से दूर रहने की चेतावनी दी है|

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