चीन जैसे ‘करन्सी मैनिप्युलेटर’ देशों पर लगेंगे अमरिका के नए कर – व्यापार विभाग का प्रस्ताव

Third World Warवॉशिंगटन: व्यापारयुद्ध के जरिए चीन को लक्ष्य कर रही अमरिका ने अब चलन के मुद्दे पर भी चीन को घेरने की तैयारी शुरू की है| अमरिका के व्यापार विभाग ने चलन का मुल्य नियंत्रित कर रहे देशों के सामान पर अतिरिक्त कर लगाने का प्रस्ताव रखा है| इन देशों में चीन के अलावा जर्मनी, स्वित्जरलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया और भारत का समावेश होने के संकेत सूत्रों ने दिए है|

वर्ष २०१६ में राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावी प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में कडी आलोचना की थी| राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर चयन होने पर हम चीन को ‘करन्सी मैनिप्युलेटर’ के तौर पर घोषित करने का निर्णय करेंगे, यह चेतावनी ट्रम्प ने दी थी| राष्ट्राध्यक्ष बनने पर ट्रम्प ने व्यापार, जासुसी और चलन के मुद्दे पर चीन को लगातार लक्ष्य किया है|

चीन अपने चलन पर नियंत्रण रखकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद कम किमतों में उपलब्ध करा रहा है| इसका बडा झटका अमरिकी उद्योग क्षेत्र को लगा है और अमरिका में रोजगार में भी कटौती होने का आरोप ट्रम्प इन्होंने प्रचार के दौरान किया था| लेकिन, चीन को अभी भी करन्सी मैनिप्युलेटर के तौर पर घोषित नही किया गया है|

पिछले वर्ष चीन के विरोध में जाहीर तौर पर व्यापार युद्ध शुरू करनेवाले ट्रम्प ने चीन की कंपनियां और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन का प्रभाव रोकने के लिए एक के पीछे एक आक्रामक निर्णय किए है| ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान अमरिका ने लगातार दो वर्ष चीन को चलन के मुद्दे पर ‘मॉनिटरिंग लिस्ट’ में रखकर दबाव में रखा था| लेकिन, यह दबाव ठुकराकर चीन ने अपने ‘युआन’ को नियंत्रण में रखने की नीति कायम रखी है|

व्यापार विभाग का नया प्रस्ताव ट्रम्प प्रशासन से उठाया जा रहा नया कदम है और अब ‘मॉनिटरिंग लिस्ट’ में शामिल चीन के विरोध में सिधे कार्रवाई शुरू होगी, यह संकेत प्राप्त हो रहे है| ‘अमरिका में निर्यात कर रहे देश चलन का मुल्य नियंत्रित रखकर या सहुलियत का इस्तेमाल करके अमरिकी उद्योगों का नुकसान करते है तो उनके विरोध में कार्रवाई होगी’, इन शब्दों में व्यापार विभाग ने नए प्रस्ताव का समर्थन किया है|

‘इसके आगे अन्य देश उनके चलन संबंधी नीति का इस्तेमाल करके अमरिका में कामगार वर्ग और व्यापार को लक्ष्य कर नही सकेंगे’, यह इशारा अमरिका के व्यापारमंत्री विल्बर रॉस इन्होंने दिया है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने प्रचार के दौरान इस बारे में वादा किया था? और नया प्रस्ताव यह वादा निभाने के लिए बढाया कदम है, यह भी रॉस ने स्पष्ट किया है|

ट्रम्प ने पिछले वर्ष से दक्षिण कोरिया, कनाडा और मेक्सिको के साथ व्यापारी समझौता करने में सफलता प्राप्त की थी| इन समझौतों में चलन नियंत्रण का मुद्दा? खास तौर पर दर्ज किया गया था| जापान के साथ जारी बातचीत में भी अमरिका ने चलन का मुद्दा लगातार उपस्थित किया है| इस पृष्ठभूमि पर नए प्रस्ताव को मंजुरी प्राप्त होती है तो अमरिका और चीन में शुरू व्यापारयुद्ध के साथ ही ‘चलनयुद्ध’ भी शुरू होगा, यह संकेत प्राप्त हो रहे है|

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