ईस्ट व साऊथ चायना सी में तनाव से बचने के लिए अमरीका और चीन में विशेष लष्करी समझौता

बीजिंग: ‘ईस्ट और साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में अमरीका और चीन मैं गलतफहमी एवं विसंवाद से संघर्ष न हो इसलिए दोनों देशों ने विशेष लश्करी समझौता किया है। अमरीका के संरक्षण दल प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड और चीन के संरक्षण दल प्रमुख जनरल ‘फैंग फेंगहुई’ने इस लष्करी करार पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों देशों के लष्करी संबंध में बढ़ेगा यह जानकारी अमरीका के संरक्षण मुख्यालय पेंटागौन ने दी है।
अमरीका के संरक्षण दल प्रमुख जनरल डनफोर्ड पिछले कई दिनों से पूर्व एशियाई देशों के दौरे पर थे। उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद इस क्षेत्र में निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर जनरल डनफोर्ड के इस दौरे को देखा जा रहा है। जनरल डनफोर्ड ने मंगलवार के दिन चीन भेंट की। इस दौरान अमरीका और चीन के लष्करी संपर्क बढ़ाने के लिए यह करार होने के बात पेंटागौन ने घोषित की है। ऐसे तनावपूर्ण समय में इस प्रकार के करार की आवश्यकता होने की बात भी पेंटागौन ने कही।

हफ्ते भर पहले अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में ‘ईस्ट, साऊथ चायना सी’ में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर अमरीका एवं मित्र देशों ने टीका की थी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय नियमोंनुसार अमरीका ‘साऊथ चायना सी’ में अपनी विनाशिका एवं हवाई जहाजों की गतिविधियां शुरू रखने की घोषणा अमरीका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने की थी।

लश्करी करार

पिछले कई महीनों में ‘ईस्ट और साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में अमरीका और चीन का हवाई और नौदल आमने-सामने आए थे। सागरी परिवहन की स्वतंत्रता का पुरस्कार करते हुए अमरीका के युद्धनौका और विनाशिका साऊथ चायना सी के क्षेत्र में गश्त करते दिखाई दिए थे। पिछले हफ्ते अमरीका के युद्ध नौकाओं ने ‘साऊथ चायना सी’ में चीन ने बनाये कृत्रिम द्वीपों के पास गश्त की थी। अमरीका के युद्ध नौकाओं की यह गश्त अपने सार्वभौमत्व को चुनौती देने वाली है यह टीका चीन ने की थी।

इसके अतिरिक्त साऊथ चायना सी की हवाई सीमा में अमरीका और चीन के विमानों ने जोखिमपूर्ण अंतर से उड़ान भरी। ईस्ट चायना सी के हवाई क्षेत्र में भी अमरीका और चीन में अनबन हुई थी। इस क्षेत्र में अमरीका ने बॉम्बर विमान भेजने के बाद चीन ने लड़ाकू विमान भेजे थे। जिसकी वजह से अमरीका और चीन में तनाव निर्माण हुआ था। इस तनाव को कम करने के लिए अमरीका और चीन ने यह करार करने की जानकारी पेंटागौन ने दी है। इसके बाद अमरीका और चीन के संरक्षण दल में संपर्क बढ़ेगा और जोखिमपूर्ण घटना वह टाल सकेंगे यह भी पेंटागौन ने कहा है।

‘ईस्ट और साऊथ चायना सी’ के अतिरिक्त उत्तर कोरिया की बढ़ती तनावपूर्ण पृष्ठभूमि पर यह लश्करी करार महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उत्तर कोरिया का एक नए मिसाइल परीक्षण के लिए तैयार होने का दावा किया जा रहा है, इसलिए कोरियन क्षेत्र में तनाव बढ़ा है। साथ ही उत्तर कोरिया ने अमरीका पर हमला करने की धमकी देने के बाद चीन ने उत्तर कोरिया को गंभीर संकेत दिए थे। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका और चीन का यह लष्करी करार उत्तर कोरिया के लिए चुनौती होने का दावा किया जा रहा है।

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