अमरिकी संसद में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव प्रस्तुत किया

वाशिंगटन, दि.१३ : अमरीका के राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। डेमोक्रॅट पक्ष के वरिष्ठ सदस्य ब्राड शेरमन ने बुधवार के दिन इस प्रस्ताव को संसद के प्रतिनिधिगृह में प्रस्तुत किया। दो महिने पहले ही डेमोक्रॅट पक्ष के अल ग्रीन ने राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की माँग की, लेकिन शेरमन ने सीधे प्रस्ताव को सामने लाने से सनसनी फैली।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्पबुधवार को अमरिकी संसद के ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव’ सभागृह में संसद सदस्य शेरमन ने राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का मसौदा प्रस्तुत किया। ‘हाउस रेसोल्यूशन ४३८’ इस नाम से प्रस्तुत किये प्रस्ताव में विविध प्रकार के जुर्म और गैरकानूनी कामों के लिये डोनाल्ड जॉन ट्रम्प के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की माँग की गयी।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने न्यायालय के कामकाज में बाधा लाते हुये अपने पद का दुरुपयोग किया और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मायकल फ्लिन ने इनके खिलाफ जाँच रोक दी। दौरान, जेम्स कोर्नी को धमकाया और उन्हे पद से हटाया गया’ यह दावा प्रस्ताव में लिखा गया है। कैलिफोर्निया प्रांत के संसद सदस्य शेरमन ने प्रस्तुत किया अविश्वास प्रस्ताव यह लंबी राह पर डाला पहला कदम माना गया है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्पशेरमन के इस प्रस्ताव को टेक्सास प्रांत के प्रतिनिधी अल ग्रीन ने समर्थन दिया है। दो महिने पहले संसद के ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव’ सभागृह में अल ग्रीन ने राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की माँग की थी। ‘‘इस देश में कानून से बढ़कर कोई नहीं, राष्ट्रपति भी नहीं, इस पर हमारा भरोसा है” इन शब्दों में अल ग्रीन ने अपनी माँग रखी थी। राष्ट्रपति अगर कानून से बढ़कर नहीं हो, तो संसदीय सभागृह में उन पर आरोप रखकर कार्रवाई शुरू करने की मांग भी ग्रीन ने रखी थी।

शेरमन ने रखे प्रस्ताव की बुनियाद पर डेमोक्रॅट पक्ष के दोनों सदस्यों ने साथ मिलकर पत्रकार परिषद ली। परिषद में प्रस्ताव संसद के ‘ज्युडीशियरी कमिटी’ के सामने रखने का दावा किया। इन में व्हाईट हाऊस के हस्तक्षेप की आशंका जताई। पर शेरमन ने लाये प्रस्ताव को अल ग्रीन के अलावा किसी डेमोक्रॅट पक्ष के सदस्य ने समर्थन नहीं दिया।

अमरीका के इतिहास में राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने की यह चौथी घटना है। इसके पूर्व सन १९६८ में आंड्र्यू जॉन्सन और सन १९९९ में बिल क्लिंटन के खिलाफ इसी तरह की माँग की गयी थी। पर संसद के वरिष्ठ सभागृह सिनेट में इस माँग को खारीज किया था। अब संसद में रिपब्लिकन पक्ष का प्रभुत्व होने की वजह से शेरमन के इस प्रस्ताव का खारीज होना अपेक्षित है।

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