रशिया और तुर्की के बीच चर्चा की वजह से इदलिब के सन्दर्भ में सीरियन राष्ट्राध्यक्ष का षडयंत्र नाकाम हो गया – सीरियन बागियों का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अम्मान – पश्चिमोत्तर सीरिया के इदलिब पर लष्करी कार्रवाई टालकर इस इलाके के में संघर्षबंदी कायम रखने पर रशिया और तुर्की का एकमत हुआ है। रशिया और तुर्की ने लिए इस फैसले का संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्वागत किया है। लेकिन रशिया और तुर्की का यह निर्णय सीरिया की अस्साद राजवट को निराश करने वाला है, ऐसा दावा सीरिया के प्रमुख बागी संगठन ने किया है। रशिया की मदद से इदलिब पर हमले करके इस इलाके पर पूरी तरह से कब्ज़ा पाने का अस्साद राजवट का इरादा था, ऐसा आरोप इस बागी संगठन ने किया है।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने चार दिनों पहले रशिया का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से मुलाकात की थी। इदलिब में रशिया और सीरिया ने रची लष्करी कार्रवाई को रोकने पर इस मुलाकात में चर्चा हुई। इस चर्चा में साल भर पहले इद्लिब में लागू की गई संघर्षबंदी कायम रखने की घोषणा की गई। इदलिब में सीरियन बागी और सीरियन लष्कर के बीच संघर्ष नहीं भडके, इसलिए ‘डिमिलिटराइज्ड बफर जोन’ तैयार करने की घोषणा भी की गई। इसके अलावा इदलिब में अतिरिक्त सेना की तैनाती करने की घोषणा भी तुर्की ने की है।

इदलिब, लष्करी कार्रवाई, डिमिलिटराइज्ड बफर जोन, रशिया, तुर्की, संघर्षबंदी, सीरिया, अस्साद राजवट

रशिया और तुर्की के राष्ट्र प्रमुखों के बीच हुई चर्चा का संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्वागत किया है। अगले कुछ दिनों तक इद्लिब में संघर्षबंदी लागू करने की वजह से मानवतावादी संकट स्थगित हो गया है। लेकिन यह संकट खत्म नहीं हुआ है, ऐसी चिंता भी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने व्यक्त की है। पश्चिमी और अरब देशों से समर्थन मिले ‘फ्री सीरियन आर्मी’ इस सीरिया के प्रमुख बागी संगठन ने इदलिब की संघर्षबंदी अस्साद राजवट के इरादों को झटका देने वाली है, ऐसा कहा है।

सीरिया के बहुतांश इलाके पर कब्जा पाने का दावा सीरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद ने किया था। सीरिया के अन्य इलाकों से मार भगाए और इदलिब में जमे हुए आतंकवादियों को ख़त्म करने के बाद पूरे सीरिया पर कब्ज़ा करने की अस्साद की योजना थी। लेकिन इदलिब के बारे में हुए नए निर्णय की वजह से अस्साद राजवट का सपना टूटने का आरोप बागी संगठन के वरिष्ठ अधिकारी ने किया है। साथ ही चाहे कुछ भी हो जाए इदलिब अस्साद राजवट के हाथों में नहीं जाने वाला है, ऐसी चेतावनी भी इस बागी संगठन ने दी है।

दौरान, रशिया और तुर्की में एकमत होकर इदलिब में लगाई गई यह संघर्षबंदी १५ अक्टूबर से लागू की जाने वाली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.