ईरान की तरह उत्तर कोरिया की समस्या बातचीत से सुलझाएँ – जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का प्रस्ताव

बर्लिन: ‘ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध का आदर्श सामने रखकर उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की दुविधा सुलझाई जा सकती है। इस प्रकार की चर्चा में जर्मनी निश्चित शामिल होगा’, ऐसा प्रस्ताव जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने रखा है। उतर कोरिया पर प्रतिबन्ध लगाने के बजाय चर्चा से यह समस्या सुलझाएँ, ऐसा आवाहन रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया था। लेकिन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के परमाणु अनुबंध का कड़ा विरोध किया है और उत्तर कोरिया को भी चर्चा की भाषा समझ में नहीं आती ऐसी टीका की थी।

उत्तर कोरिया की समस्याहायड्रोजन बम का परिक्षण करके उत्तर कोरिया ने चर्चा के सभी रस्ते बंद किए हैं। इसके आगे उत्तर कोरिया के साथ चर्चा न करने का निर्णय अमरीका ने लिया है। अमरीका के मित्र देश ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और जापान ने भी उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबन्ध लगाने की माँग की थी। इसके लिए अमरीका और मित्र देशों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की विशेष बैठक का आवाहन किया था। रशिया ने भी उत्तर कोरिया ने हायड्रोजन बम का परिक्षण करके इस इलाके की स्थिरता को खतरे में लाया है, ऐसी टीका की थी। लेकिन उत्तर कोरिया की समस्या सुलझाने के लिए लष्करी कार्रवाई अथवा प्रतिबन्ध यह विकल्प नहीं हो सकते, इस बात को रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट किया है।

उसके बाद रविवार को जर्मनी की चांसलर मर्केल ने एक जर्मन दैनिक के साथ बोलते हुए उत्तर कोरिया के साथ चर्चा शुरू करने का अवाहन किया है। सन २०१५ में ईरान के साथ हुआ परमाणु अनुबंध सफल साबित हो रहा है, इस तरह का परमाणु अनुबंध उत्तर कोरिया के साथ भी किया जा सकता है, ऐसा मर्केल ने कहा है। ‘ईरान के साथ परमाणु अनुबंध करने वाले देश उत्तर कोरिया के साथ चर्चा में शामिल हुए तो उत्तर कोरिया की समस्या भी हल हो सकती है’, ऐसा दावा करके मर्केल ने जर्मनी और यूरोपीय देशों को ऐसी चर्चा के लिए तैयार रहने का अवाहन किया है।

मर्केल ने दिए इस प्रस्ताव पर अमरीका और मित्र देशों की ओर से प्रतिक्रिया आ सकती है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के साथ किया परमाणु अनुबंध तोड़ने का इशारा दिया है। ईरान इस परमाणु अनुबंध का उल्लंघन कर रहा है, ऐसा कहकर ईरान पर नए प्रतिबन्ध लगाने की बात ट्रम्प ने जाहिर की थी। लेकिन अमरीका इस परमाणु अनुबंध से बाहर न निकले, ऐसा आवाहन जर्मनी, फ़्रांस इन यूरोपीय मित्र देशों ने किया था। दूसरी ओर ईरान ने अमरीका को स्पष्ट शब्दों में धमकाया है।

यह परमाणु अनुबंध तोडा तो अगले कुछ ही दिनों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम पहले जैसा शुरू हो सकता है, ऐसा इशारा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने दिया था।

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