संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष उत्तर कोरिया, इरान पर भडके

संयुक्त राष्ट्रसंघ: उत्तर कोरिया, ईरान और व्हेनेझुएला इन देशों पर घनघोर टीका करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में खलबली मचा दी है। ‘उत्तर कोरिया को उध्वस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। ईरान के साथ किया हुआ परमाणु अनुबंध अमरीका के लिए शर्म की बात साबित हो रही है और ईरान इस्राइल के लिए खतरा बन गया है। व्हेनेझुएला में कोलस मदुरो की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी’, इस तरह के विधान ट्रम्प किए हैं। उसी समय संयुक्त राष्ट्रसंघ के सदस्यों में से एक अमरीका इस संगठन के खर्चे का २२ प्रतिशत भार उठा रही है, इसकी भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने याद दिलाई है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभाअपने आक्रामक भाषण में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के तानाशाह ‘किम जोंग-उन’ की ‘राकेट मैन’ ऐसी संभावना करके वे आत्मघाती रास्ते पर आगे चल रहे हैं, ऐसा इशारा दिया है। उत्तर कोरिया से पूरी दुनिया को परमाणु खतरा है, ऐसा कहकर ट्रम्प ने उत्तर कोरिया को उध्वस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है, ऐसा दावा किया है। यह धक्का देने के बाद ट्रम्प ने ईरान की तरफ अपना मोर्चा बढाया। ‘ईरान की राजवट अमरीका के लश्करी सामर्थ्य से भी अपनी जनता से भयभीत हुई है। इसीलिए ईरान अपनी जनता को इन्टरनेट सेवा की आपूर्ति नहीं कर रहा है। ऐसे देश के साथ अमरीका ने किया हुआ परमाणु अनुबंध मतलब शर्मनाक बात थी। इस परमाणु अनुबंध के ऊपर अमल नहीं हुआ है’, ऐसा कहकर ट्रम्प ने ईरान की भी खबर ली।

ईरान से इस्राइल को खतरा संभव है, ऐसा प्रहार भी ट्रम्प ने इस समय किया। व्हेनेझुएला के राष्ट्राध्यक्ष निकोलस मदुरो की तानाशाही राजवट वहां की जनता पर अत्याचार कर रही है। व्हेनेझुएला जनता की भुखमरी हो रही है, ऐसे में अपने इस पडौसी देश में लोकतंत्र प्रस्थापित करने की अमरीका की जिम्मेदारी है, ऐसा दावा करके ट्रम्प ने आने वाले वक्त में अमरीका व्हेनेझुएला में हस्तक्षेप करेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत दिए हैं। साथ ही अपने भाषण में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने ‘नेशन स्टेट’ संकल्पना को पुरस्कृत करके अपने लिए ‘अमरीका फर्स्ट’ यही नीति कायम रहेगी, ऐसा आश्वासन दिया है। उसी समय सभी राष्ट्रप्रमुखों ने अपने देश के और जनता के हितसंबंधों की रक्षा करनी चाहिए, ऐसा सन्देश भी ट्रम्प ने दिया।

इसके पहले के अमरिकन राष्ट्राध्यक्ष ने संयुक्त राष्ट्रसंघ को संबोधित करते हुए, वैश्वीकरण का स्वीकार किया था। उस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘नेशन स्टेट’ की संकल्पना का स्वीकार करके अलग भूमिका अपनाई है। अमरीका संयुक्त राष्ट्रसंघ के खर्चे का २२ प्रतिशत भार उठा रही है। लेकिन इसका अपेक्षित प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है, ऐसा दुःख ट्रम्प ने व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के सभी सदस्यों ने इसके लिए कोशिश करके अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए, ऐसा आवाहन ट्रम्प ने किया है।

शरणार्थियों के बारे में बोलते समय अपने देश ने आज तक स्वीकार किए औदार्य का प्रमाण देते हुए, ट्रम्प ने आने वाले समय में शरणार्थियों के मामले में अमरीका की नीति में बदलाव होगा, ऐसा कहा है। अमरीका में एक शरणार्थी को आसरा देने के लिए होने वाले खर्च में उनकी मातृभूमि के सभी परिवारवालों की सहायता की जा सकती है। शरणार्थियों के समूह की वजह से दूसरे देशों पर भार बढ़ता है, इस बात की तरफ भी ट्रम्प ने ध्यान आकर्षित किया है। दौरान, ईरान की आतंकवाद को सहायता करने की नीति पर कड़ी टीका करते हुए, ट्रम्प ने सऊदी अरब की प्रशंसा की है। सऊदी अरेबिया और अन्य अरब देशों की सहायता की वजह से इराक और सीरिया से ‘आयएस’ को पराजित करना आसान हो रहा है, ऐसा ट्रम्प ने कहा है।

युक्रेन से लेकर ‘साउथ चायना सी’ तक सभी देशों के सार्वभौमत्व का आदर होना चाहिए, ऐसी अपेक्षा व्यक्त करके ट्रम्प ने रशिया और चीन की कार्रवाइयों पर अपनी नाराजगी जताई।

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