अगले १५ वर्षों में ७ करोड़ अफ्रीकी शरणार्थी युरोप पहुँचेंगे – जर्मनी के सांसदों का आरोप

बर्लीन – युरोपीय महासंघ का नया ‘मायग्रेशन पैक्ट’ काफी भयानक है और इससे अगले १५ वर्षों में करीबन ७ करोड़ अफ्रीकी शरणार्थी युरोप पहुँच सकते हैं, ऐसी चेतावनी युरोपियन संसद के जर्मन सांसद गुनार बेक ने दी है। अफ्रीका से घुसपैंठ करनेवाले शरणार्थियों को रोकने के लिए स्पेन ने बीते महीने ही अपनी सीमा पर सेना की तैनाती करने की बात सामने आयी थी। अब वर्तमान वर्ष के पहले चार महीनों में कुल १० हज़ार से अधिक शरणार्थियों ने इटली में घुसपैंठ करने की कोशिश की है, यह जानकारी सरकार ने हाल ही में साझा की है।

African-Migrants-Europe-300x169बीते दशक में जर्मनी की चान्सलर एंजेला मर्केल के नेतृत्व में अपनाई गई ‘ओपन डोअर पॉलिसी’ की वजह से युरोप में शरणार्थियों के झुंड़ों की भारी संख्या में घुसपैंठ शुरू हुई थी। इसके विरोध में असंतोष की भावना बढ़ने से, बीते दो वर्षों में घुसपैठ रोकने के लिए कुछ आक्रामक निर्णय किए गए थे। लेकिन, कोरोना की महामारी और उससे बनी स्थिति की पृष्ठभूमि पर, युरोप के दरवाज़े फिर से शरणार्थियों के लिए खोलने की कोशिश शुरू हुई है। युरोपीय महासंघ का ‘पैक्ट ऑन मायग्रेशन ॲण्ड असायलम’ इसी कोशिश का हिस्सा होने का आरोप जर्मनी के ‘अल्टनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ (एएफडी) के नेता एवं युरोपीय सांसद गुनार बेक ने लगाया है।

African-Migrants-Europe-01‘हमने स्वयं कुछ हद तक ‘पैक्ट ऑन मायग्रेशन ॲण्ड असायलम’ का अध्ययन किया है। इस समझौते का कार्यान्वयन होना युरोप के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। युरोपीय महासंघ ने वर्ष २०३५ तक सात करोड़ अफ्रीकी शरणार्थियों को युरोप में लाने का ऐलान किया था, इसे ध्यान में रखना होगा। हमारी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए इसकी आवश्‍यकता नहीं हैं’, इन शब्दों में बेक ने, युरोप में शरणार्थियों के नए झुंड़ पहुँच सकते हैं, यह चेतावनी दी।

सात करोड़, यह संख्या शायद कुछ लोगों को काफी बड़ी लगती होगी। लेकिन, यही बात हमारे सदस्यों ने जब युरोपीय कमिशन के सामने रखी, तब उनमें से किसी ने भी इन आँकड़ों से इन्कार नहीं किया, इस ओर भी बेक ने ध्यान आकर्षित किया। कुछ वर्ष पहले युरोप में वृद्ध नागरिकों की संख्या बढ़ने की रिपोर्ट्स सार्वजनिक हुईं थीं। इसी को आधार बनाकर युरोपीय महासंघ ने, अन्य देशों से पहुँच रहें शरणार्थी, युरोप में जनसंख्या और मनुष्यबल का संतुलन बरकरार रखने के लिए आवश्‍यक होने का दावा किया है।

लेकिन, युरोप में घुसपैंठ कर रहें अफ्रीकी और खाड़ी क्षेत्र के देशों के शरणार्थियों की वजह से युरोपीय समाज तथा मूल्य एवं संस्कृति इनके लिए खतरा बन रहा है। इस वजह से युरोपियन जनता में असंतोष बढ़ रहा है और इसके गंभीर राजनीतिक और सामाजिक असर कुछ देशों में दिखाई देने लगे हैं। शरणार्थियों के विरोध में आक्रामक रवैया दिखा रहीं दक्षिणी विचारधारा की पार्टियों को प्राप्त हो रहा समर्थन बढ़ रहा है और कुछ देशों में शरणार्थियों को रोकने के लिए कानून भी बनाए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.