कोरोना के संकट पर युरोप का ७५० अरब युरो का ‘रिकव्हरी प्लॅन’

ब्रुसेल्स, (वृत्तसंस्था) – यह युरोप के लिए निर्णायक क्षण है, इन शब्दों में युरोपियन कमिशन की प्रमुख उर्सुला व्हॉन डेर लेयन ने, कोरोना की वजह से आये हुए आर्थिक संकट से युरोप को बाहर निकालने के लिए ७५० अरब युरो के ‘रिकव्हरी प्लॅन’ की घोषणा की। कमिशन द्वारा की गयी यह घोषणा युरोप के इतिहास में सबसे बड़ा आर्थिक पॅकेज माना जाता है। पिछले ही हफ़्ते, महासंघ के प्रमुख सदस्य देश होनेवाले जर्मनी और फ्रान्स ने ५०० अरब युरो के ‘रिकव्हरी फंड’ की घोषणा की थी। इस पृष्ठभूमि पर युरोपीय महासंघ ने घोषित की योजना ग़ौरतलब साबित होती है।

‘नेक्स्ट जनरेशन ईयु’ ऐसा युरोपीय कमिशन ने घोषित की योजना का नाम होकर, ५०० अरब युरो अनुदान के रूप में और २५० अरब युरो कर्ज के रूप में देकर, योजना पर अमल किया जानेवाला है। नयी योजना के कारण सन २०२१- २०२७ इस कालावधि के बजेट में कुल १.८५ ट्रिलियन युरो इतनी निधि उपलब्ध होगी, ऐसी जानकारी कमिशन द्वारा दी गयी।

‘यह युरोप के लिए निर्णायक क्षण है। या तो हम अलग अलग होकर जाते रहेंगे या फिर युरोपियन जनता के लिए और अगली पीढ़ी के लिए एक निश्चित भविष्य का मार्ग निश्चित कर देंगे। युरोपियन जनता का जीवन और रोज़गार की सुरक्षा के लिए, युरोप का मार्केट पहले जैसा बनाने के लिए और दीर्घकालीन आर्थिक संपन्नता के लिए युरोपियन कमिशन अपने अगले बजेट में होनेवाली पूरी क्षमता का इस्तेमाल करेगा’, ऐसे शब्दों में कमिशन की प्रमुख व्हॉन डेर लेयन ने योजना प्रस्तुत की।

नयी योजना के लिए आवश्यक निधि, युरोपीय महासंघ अपने आर्थिक स्रोतों पर थोंपी गयीं मर्यादाओं को हटाकर, नये कर लगाकर और नये कर्ज़ों के माध्यम से खड़ी करेगी, ऐसा बताया जा रहा है। नयी योजना के लिए इकट्ठा की जानेवाली रक़म को युरोपीय महासंघ सन २०२८ से २०५८ इन तीन दशकों की कालावधि में चुकता करेगा, ऐसी जानकारी महासंघ के सूत्रों ने दी है।

कोरोना की महामारी ने युरोप में हाहाकार मचाया होकर अब तक २० लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हुए हैं। इस महामारी के कारण युरोपियन देशों में अब तक पौने दो लाख लोगों की मृत्यु हुई है, ऐसा बताया जा रहा है। महामारी के परिणामों के कारण युरोपियन अर्थव्यवस्था मंदी के साये में होकर, कोरोना की महामारी महासंघ का अंत करानेवाली साबित होगी, ऐसी चेतावनियाँ भी दी जा रहीं हैं।

युरोपियन कमिशन द्वारा रखी गयी इस नयी योजना पर युरोपीय महासंघ के देशों से संमिश्र प्रतिक्रियाएँ उठीं हैं। जर्मनी, फ्रान्स और इटली इन प्रमुख देशों ने कमिशन की नयी योजना का स्वागत किया है। यह युरोप के लिए महत्त्वपूर्ण दिन होकर, कमिशन ने योजना के माध्यम से उचित संदेश दिया है, ऐसा इन देशों ने कहा है। लेकिन ऑस्ट्रिया, डेन्मार्क, नेदर्लंड्स और  स्वीडन इन देशों ने इस योजना के प्रावधानों को विरोध दर्शाया है। युरोपियन बजेट की व्याप्ति बढ़ाने पर और मुफ़्त अनुदान देने पर इन देशों ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। नेदरलँड्स के एक राजनैतिक अधिकारी ने, विद्यमान स्वरूप में यह योजना मंज़ूर होना नामुमक़िन होने की प्रतिक्रिया दी है।

इससे पहले, दूसरे विश्वयुद्ध के बाद युरोप का पुनर्निर्माण करने के लिए ‘मार्शल प्लॅन’ नाम की विशेष योजना बनायी गयी थी। इस मार्शल प्लॅन के तहत अमरीका ने सन १९४८ से अगले कुछ सालों से युरोपीय देशों को १५ अरब डॉलर्स से भी अधिक निधि की आपूर्ति की थी।

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