अमरिकी-रशियन युद्धपोतों की तैनाती से ‘ब्लॅक सी’ क्षेत्र में तनाव बढ़ा

मॉस्को/वॉशिंग्टन – रशियन नौसेना ने ‘ऍडमिरल मॅकारोव्ह’ इस अत्याधुनिक युद्धपोत के द्वारा ‘ब्लॅक सी’ क्षेत्र में युद्ध अभ्यास शुरू किया है। अमरीका का तीसरा युद्धपोत इस सागरी क्षेत्र में दाखिल होने के बाद रशियन युद्धपोत की तैनाती और अभ्यास ‘ब्लॅक सी’ में तनाव बढ़ा रहा है। इसी बीच अमरीकी युद्धपोतों की तैनाती के जवाब के रूप में रशिया ने इससे पहले ही क्रीमिया में अपनी हवाई सुरक्षा यंत्रणा कार्यान्वित की थी।

us-russia-black-seaब्लॅक सी’ सागरी क्षेत्र रशिया को छोड़कर तुर्की, रोमानिया और बल्गेरिया इन नाटो सदस्य देशों से तथा युक्रेन और जॉर्जिया ऐसे नाटोसमर्थक देशों से घिरा है। अपने इन सदस्य देशों को आश्‍वस्त करने के लिए कुछ दिन पहले नाटो ने इस क्षेत्र में ‘युएसएनएस लॅरामे’ यह अमरिका का सहायक विध्वंसक तैनात किया था। अमरीकी विध्वंसक की इस तैनाती पर रशियन नौसेना बारीकी से नजर रखे हुए थी। लेकिन पिछले हफ्ते ही २३ जनवरी को अमरीका का ‘युएसएस डोनाल्ड कूक’ यह एक और युद्धपोत इस क्षेत्र में दाखिल हुआ।

us-russia-black-seaक्षेपणास्त्रभेदी यंत्रणा से लैस होने वाले ‘डोनाल्ड कूक’ युद्धपोत की इस तैनाती के बाद रसिया ने क्रीमिया में अपनी हवाई सुरक्षा यंत्रणा कार्यान्वित की थी। रसिया ने क्रीमिया के तटवर्ती इलाके में मोबाइल लॉंचर्स तैनात किए थे। इससे ब्लॅक सी’ के क्षेत्र में तनाव पैदा हुआ था। ज्यो बायडेन ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष पद की बागडोर संभालने के बाद, चंद ३ दिनों में ही अमरिकी युद्धपोत की तैनाती हुई, इस बात पर विश्लेषकों ने गौर फरमाया है।

इस तैनाती के महज एक हफ्ते में ही अमरीका का ‘युएसएस पॉर्टर’ यह एक और विध्वंसक तुर्की के बॉस्फरस की खाड़ी को पार करकेब्लैक सी के मार्ग से जा रहा होने के फोटोग्राफ्स जारी हुए हैं। एजिस इस प्रगत बॅलेस्टिक क्षेपणास्त्र यंत्रणा से लैस होने वाले इस युद्धपोत की तैनाती का अमरीका और नाटो ने समर्थन किया। ‘ नाटो के सदस्य और सहयोगी देशों की सुरक्षा के लिए और इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए अमरिका वचनबद्ध है। इसके लिए पॉर्टर की तैनाती अहम साबित होती है’, ऐसी प्रतिक्रिया इस युद्धपोत के कमांडर थॉमस रॅल्स्टन ने दी।

us-russia-black-seaवहीं, ब्लैक सी क्षेत्र नाटो के लिए सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है, ऐसा नाटो ने कहा है। साथ ही, ‘रशिया ने युक्रेन से क्रीमिया का अवैध और गैर-कानूनी रूप में विभाजन किया है। उसी के साथ इस सागरी क्षेत्र में रशिया की लष्करी गतिविधियाँ भी बढ़ीं हैं। इसीलिए ब्लैक सी की तथा अपने मित्र देशों की सुरक्षा के लिए नाटो के मित्र देश ने इस क्षेत्र में तैनाती बढ़ाई है, ऐसा नाटो ने घोषित किया। नाटो की इस घोषणा के बाद रशिया ने शुक्रवार को ‘ऍडमिरल मॅकारोव्ह’ यह युद्धपोत रवाना किया। साथ ही, अमरीकी युद्धपोत पर रशिया बारीकी से नजर रखे हैं, यह रशिया ने स्पष्ट किया।

ब्लैक सी क्षेत्र हमेशा ही अमरीका-नाटो और रशिया के बीच के तनाव का कारण बना है। इससे पहले भी रशिया ने युक्रेन की गश्ती नौकाओं का मार्ग रोकने के बाद अमरीका ने अपना विध्वंसक इस सागरी क्षेत्र में रवाना किया था। साथ ही, पिछले साल अगस्त महीने में अमरीका के दो बी-५२ बॉम्बर विमानों ने ब्लैक सी के क्षेत्र में गश्ती करने के बाद, रशिया ने अपने लड़ाकू विमानों को रवाना किया था।

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