‘बर्ड फ्ल्यु’ की पृष्ठभूमि पर चिकन और अंड़ो की माँग में हुई ८० प्रतिशत गिरावट

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने यह ऐलान किया है कि, देश के सात राज्यों में ‘बर्ड फ्ल्यु’ का संक्रमण होने से पक्षी मृत होने की बात स्पष्ट हुई है। साथ ही महाराष्ट्र और दिल्ली में मृत पक्षियों के लिए गए नमूनों की रपट अभी प्राप्त नहीं हुई है, यह जानकारी भी केंद्र सरकार ने साझा की है। ‘बर्ड फ्ल्यु’ का संक्रमण होने की पृष्ठभूमि पर देशभर में चिकन और अंडों की माँग में ७० से ८० प्रतिशत गिरावट हुई है और इसके चलते इसकी कीमतों में भी ५० प्रतिशत गिरावट देखी गई है। ऐसे में मटन की कीमत उछलकर प्रति किलो ८०० रुपये हुई है।

देश के १० राज्यों में बीते कुछ दिनों में मृत पक्षी देखे गए हैं। इनमें से सात राज्यों के पक्षियों के नमूनों की जाँच से वे ‘बर्ड फ्ल्यु’ से संक्रमित होने की बात स्पष्ट हुई थी। इनमें हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल का समावेश है। इसके अलावा महाराष्ट्र और दिल्ली के कुछ इलाकों में भी मृत पक्षी देखे गए हैं। महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, दापोली, परभणी, बीड़ जिले में कौए, यात्री पक्षी और मुर्गियां मृत हुई देखी गई थीं। परभणी में शनिवार के दिन ९०० मुर्गियों की मौत हुई। इसके अलावा जम्मू में दो दिन पहले कुछ कौए मृत देखे गए थे। इस वजह से उत्तर भारत से दक्षिणी राज्यों तक ‘बर्ड फ्ल्यु’ का फैलाव होने का ड़र है।

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्‍मीर में मुर्गियों के परिवहन पर पाबंदी लगाई गई है। मुर्गियों की बिक्री बंद करने के साथ ही ७ दिनों के लिए बाज़ार बंद रखने के आदेश भी राज्य सरकारों ने जारी किए हैं। देश में ‘बर्ड फ्ल्यु’ का संक्रमण होने की बात स्पष्ट होते ही चिकन और अंडों की माँग में ७० से ८० प्रतिशत गिरावट आई। चिकन और अंडों की माँग ना रहने से इनकी कीमतों में बीते तीन से चार दिनों में ही ५० प्रतिशत गिरावट आई है।

इस वजह से पोल्ट्री उद्योग के सामने संकट खड़ा हुआ है। रविवार के दिन पोल्ट्री कारोबारियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीयमंत्री जितेंद्र सिंह से भेंट की और ‘बर्ड फ्ल्यु’ को लेकर फैल रही अफवाह रोकने के लिए कदम उठाने का आवाहन किया। साथ ही ‘बर्ड फ्ल्यु’ की पृष्ठभूमि पर व्यावसायिक सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं, ऐसा भी इस शिष्टमंडल ने कहा है।

बीते वर्ष कोरोना का संकट टकराने से पहले देश में पोल्ट्री उद्योग का कारोबार १.२५ लाख करोड़ तक पहुँचा था। कोरोना के संकट की वजह से इस उद्योग क्षेत्र को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ा है। साथ ही कारोबार भी आधे से कम होकर ६० से ७० हज़ार करोड़ रुपयों तक पहुँचा है। ऐसे में अब ‘बर्ड फ्ल्यु’ की वजह से इस उद्योग को नए संकट का मुकाबला करना पड़ रहा है, ऐसा इन कारोबारियों के शिष्टमंडल का कहना है। वर्ष २००५ से हर साल ठंड़ के मौसम में पक्षियों में ‘एविएन एन्फ्लुएन्झा’ यानी ‘बर्ड फ्ल्यु’ का संक्रमण होता दिखाई दिया है। लेकिन, इस वर्ष एक से कई अधिक राज्यों में ‘बर्ड फ्ल्यु’ का संक्रमण देखा जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.