लद्दाख के बाद जम्मू-कश्‍मीर का दौरा करके रक्षामंत्री ने दी पाकिस्तान को चेतावनी

नई दिल्ली – लद्दाख का दौरा करने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंग शनिवार के दिन जम्मू-कश्‍मीर के सरहदी क्षेत्र में पहुँचे। लद्दाख के बाद जम्मू-कश्‍मीर में स्थित पाकिस्तान के सरहदी क्षेत्र का दौरा करके रक्षामंत्री ने चीन-पाकिस्तान को एक साथ संदेश दिया है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं। गलवान के संघर्ष के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी बढ़ाई है। नियंत्रण रेखा के करीबी केरन सेक्टर में पाकिस्तान की ‘बॉर्डर एक्शन टीम’ हमलें कर सकती है, यह चेतावनी गुप्तचर संस्थाओं ने दी थी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने केरन सेक्टर का दौरा करके, पाकिस्तान की कोई भी हरकत भारत बर्दाश्‍त नहीं करेगा, ऐसी कड़ी चेतावनी दी है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

रक्षामंत्री

विश्‍व की कोई भी ताकत भारत की एक इंच ज़मीन भी हथिया नहीं सकेगी, यह विश्‍वास रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने शुक्रवार के दिन अपने लद्दाख के दौरे में दिलाया था। इस दौरान, हथियार हाथ में पकड़कर राजनाथ सिंग ने निशाना भी लगाया था। उन्होंने लगाया यह निशाना चीन को दिया हुआ संदेश साबित होता है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं। लद्दाख के दौरे के बाद राजनाथ सिंग शनिवार के दिन अमरनाथ पहुँचें। इसके बाद उन्होंने नियंत्रण रेखा का दौरा किया। इसके बाद वे, पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की लगातार गोलीबार हो रहे केरन सेक्टर भी जा पहुँचे।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने अपने इस दो दिन के दौरे में चीन और पाकिस्तान की सीमा पर अपनी सेना की तैयारी का जायज़ा लिया। साथ ही, सेना के आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की तैयारी का भी उन्होंने मुआयना किया। एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के विरोध में रखी तैयारी को भारतीय सेना ने ‘ढ़ाई मोरचों पर होनेवाला संघर्ष’ यह नाम दिया है और यह दौरा यानी, भारत इसके लिए तैयार होने का संदेश देता है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग के इस दौरे के समय, रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत, सेनाप्रमुख जनरल मनोज नरवणे और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सेनाप्रमुख जनरल नरवणे का, पिछले कुछ दिनों में कश्‍मीर में हुआ यह चौथा दौरा है।

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